नहाने गए दो छात्रों की डूबने से मौत
जासं, सैदपुर (गाजीपुर): कापी खरीदने के बहाने स्थानीय नगर स्थित पक्का घाट सोमवार को गंगा
जासं, सैदपुर (गाजीपुर): कापी खरीदने के बहाने स्थानीय नगर स्थित पक्का घाट सोमवार को गंगा में नहाने गए तीन छात्रों में से दो डूब गए। तीसरे छात्र ने जाकर गांव में बताया तो हड़कंप मच गया। सूचना पाकर घरवालों के साथ पुलिस भी पहुंच गई। शाम छह बजे तक गोताखोर नदी में डूबे छात्रों की तलाश में जुटे थे लेकिन उनका पता नहीं चल सका।
थाना क्षेत्र के कटघरा गांव निवासी सुभाष राम का पुत्र नीतिश (14) होलीपुर स्थित एक विद्यालय में हाईस्कूल का छात्र है। उसी का पड़ोसी आनंद कुमार का पुत्र वैभव (13) मिर्जापुर स्थित एक कान्वेंट स्कूल में कक्षा छह का छात्र है। नीतिश व वैभव अपनी बस्ती के ही लालजी के पुत्र सूरज (14) के साथ कापी खरीदने के बहाने साइकिल से घर से निकले। कापी न खरीदकर तीनों नगर स्थित पक्का घाट पर पहुंचे। साइकिल खड़ी कर नीतिश व वैभव नहाने के चले गए। घाट पर मौजूद एक महिला का शैम्पू लाने सूरज घाट के ऊपर दुकान पर चला गया। नहाते समय नीतिश व वैभव डूबने लगे। नाव पर मौजूद दो-तीन युवकों ने डूबते हुए देखा तो नदी में कूदकर उन्हें बचाना चाहा लेकिन नाकाम रहे। इस बीच सूरज शैम्पू लेकर पहुंचा तो दोस्तों के डूबने की बात जानकर अवाक रह गया। साइकिल से वह गांव पहुंचा और घटना के बारे में बताया। सूचना पाकर नीतिश के पिता सुभाष, मां किरन व वैभव के पिता लालजी व मां रानी देवी बिलखते हुए पहुंची। कुछ ही दूरी पर स्थित पुलिस चौकी से चौकी इंचार्ज राकेश त्रिपाठी हमराही के साथ तत्काल पहुंच गए। डूबे छात्रों की तलाश के लिए गोताखोर नदी में कूद काफी खोजबीन की लेकिन पता नहीं चल सका। चौकी इंचार्ज ने बताया कि दो गोताखोरों को लगाकर डूबे छात्रों की तलाश की जा रही है। घाट पर जुटी भीड़
- दो छात्रों के डूबने का पता चलते ही घाट पर लोगों की भीड़ लग गई। कटघरा गांव के अलावा नगर के सैकड़ों लेाग घाट पर पहुंच गए। गांव से आई महिलाएं किरन व रानी को समझा रही थी लेकिन बेटों के डूबने के गम में उनके आंखों से आंसू नहीं रुक रहा था। बार-बार वे बेहोश हो जा रही थी।
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मुफलिसी से गुजर रहे परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
- नीतिश के पिता सुभाष अंडा बेचकर परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। नीतिश दो भाईयों में छोटा है। वह पढ़ने में काफी तेज भी है। वैभव चार भाईयों में दूसरे नंबर पर है। उसके पिता भी छोटा-मोटा काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। दोनों के डूबने से मुफलिसी से गुजर रहे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। तब बच जाता नीतिश
- तीनों छात्र घाट पर नहाने आए। इसी बीच एक महिला ने नीतिश से कहा कि ऊपर जाकर मेरा शैम्पू लेते आओ। नीतिश ने मना किया तो सूरज शैम्पू लाने चला गया। नीतिश शैम्पू लाने गया होता तो वह तो बच जाता लेकिन सूरज अगर नहाने गया होता तो डूब जाता।