गर्भधारण के दो महीने बाद महिलाएं कराएं स्वास्थ्य जांच
जासं, गाजीपुर : महिलाएं गर्भधारण करने के दो महीने बाद अस्पताल अवश्य आएं और पूरी जांच कर
जासं, गाजीपुर : महिलाएं गर्भधारण करने के दो महीने बाद अस्पताल अवश्य आएं और पूरी जांच कराएं। भले ही ही उन्हें कोई समस्या न हो लेकिन जांच के बाद बहुत से ऐसे रोग सामने आते हैं जिनका उन्हें पता नहीं होगा। समय से जांच हो जाने पर उसका इलाज शुरू हो जाता है। इससे गर्भवती महिला और उसके पेट में पल रहा बच्चा बड़े खतरे से बच जाता है। यह कहना था जिला महिला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. प्रीति पाल (एमबीबीएस केजीएमयू-लखनऊ, डीजीओ, एमएस गाइनोलाजिस्ट) का। वह गुरुवार को दैनिक जागरण प्रश्न प्रहर में लोगों के सवालों का जवाब दे रही थीं। कुछ ऐसे आए सवाल
सवाल : हमारे एक रिश्तेदार के विवाह हुए 10 वर्ष हो गए पर अभी तक बच्चा नहीं हुआ है।
जवाब : दोनों को लेकर जिला महिला अस्पताल आइए। उनकी जांच के बाद पता चलेगा कि इसका कारण क्या है।
सवाल : मुझे हमेशा थकावट रहती है। कोई भी काम करती हूं तो जल्दी थक जाती हूं।
जवाब : हो सकता है खून की कमी हो। जिला महिला अस्पताल आइए। जांच के बाद पता चल जाएगा।
सवाल : मेरे पेट में तीन माह का बच्चा है और गैस की समस्या है।
जवाब : यह नार्मल प्रक्रिया है। इसके लिए दवाइयां हैं। इसका कोर्स पूरा करने के बाद बिल्कुल ऐसा नहीं होगा। एक बार आप अस्पताल आइए। बिना देखे कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान वही खाना खाएं जो आसानी से पच जाए।
सवाल : मेरी उम्र 32 वर्ष है। पेट में काफी दर्द होता है।
जवाब : इसके लिए कुछ जांच करानी होगी। कुछ गंभीर परेशानी की वजह से ऐसा होता है, जो जांच रिपोर्ट देखने के बाद ही स्पष्ट हो सकता है। आप पहले अस्पताल आकर दिखाइए या फिर किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें। दवा से यह सही हो जाएगा, लेकिन देर होने पर परेशानी बढ़ सकती है।
महिलाओं के लिए कुछ विशेष सलाह
- 35-40 वर्ष की आयु में अगर महीना अधिक आता है तो जरूर स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और जांच कराएं। यह कोई रोग भी हो सकता है। देर करने पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है
- अस्पताल में एनिमिया (खून की कमी) से पीड़ित महिलाएं ज्यादा आती हैं। इसके लिए जरूरी है कि जो महिलाएं गर्भवती हैं वह अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
- एनीमिया से पीड़ित महिलाएं भींगा हुआ चना, गुड़, पालक, पनीर, चुकंदर, आंवला, सेव, अनार, दूध की मात्रा बढ़ा दें। इससे खून की कमी की समस्या दूर हो जाएगी।
- एनीमिया पीड़ित महिलाओं के लिए प्रसव के समय काफी परेशानियां होती हैं। हीमोग्लोबीन आठ ग्राम से भी नीचे से है तो सीजियर करना मुश्किल होता है।
- गर्भधारण के समय से ही महिलाएं किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और नियमित चेकअप कराती रहें। ऐसा करने से समय से परेशानियों का पता चल जाता है और उसका इलाज भी सफल होता है। किसी बीमारी की देर से जानकारी होने पर काफी परेशानियां होती है।
- गर्भवती महिलाओं को अगर उल्टी हो रही है और गैस बन रहा है तो वह टैव-डाक्सीलामीन दो गोली रात में सोते समय एक साथ खाएं। समस्या दूर हो जाएगी।
- अगर किसी गर्भवती महिलाओं की सांस फूल रही है या ज्यादा थकावट हो रही है, शरीर में सूजन हो रहा है तो उसे एनीमिया हो सकता है। वह स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर जांच कराने के बाद नियमित दवा का सेवन करते रहें।
- अगर किसी गर्भवती महिला को हेपेटाइटिस-बी है तो उसके बच्चे को भी खतरा हो सकता है। इसलिए शुरूआत से ही चेकअप कराते रहें। पहले पता चलने पर मां सहित उसके बच्चे को इस खतरे से दूर किया जा सकता है।
- चिकित्सक से मिलने के बाद अक्सर पीड़ित महिला की जगह उसके साथ आए लोग उसकी समस्या के बारे में बताते हैं। इससे चिकित्सक को पूरा मामला समझ में नहीं आता। ऐसे में पीड़ित महिलाएं खुद अपनी समस्या बताएं।
- महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी है। वह अस्पताल तब आती हैं जब रोग अंतिम स्टेज में होगा। इससे उनका इलाज नहीं हो पाता है। कोई भी समस्या होने पर तुरंत जिला महिला अस्पताल में आएं या कि अच्छे चिकित्सक से मिलें। इन लोगों ने किए सवाल
- शिवपूजन यादव-वृंदावन जखनियां, राजकुमार राजभर-गाजीपुर, विजयतारा-सादात, प्रीति ¨सह-गाजीुपर, ¨रकी-गाजीपुर, श्वेता ¨सह सैदपुर। संगीता दिलदारनगर, विभा व सुधा कासिमाबाद, पूनम मुहम्मदाबाद।