शमशेर सिंह की हत्या के साथ जमाया जरायम की दुनिया में कदम
जासं गाजीपुर वाराणसी एसटीएफ के मुठभेड़ में मारा गया राजेश दुबे उर्फ टुन्ना प्रधानी की चुनावी रंजिश में अपने विरोधी शमशेर सिंह की गोली मारकर हत्याकर सुर्खियों में आया था। इससे पहले अपने ही गांव के एक युवक को शादी के दौरान चाकू से मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा व अपराध की दुनिया में सीढि़यां चढ़ता चला गया।
जासं, गाजीपुर : वाराणसी एसटीएफ द्वारा मुठभेड़ में मारा गया राजेश दुबे उर्फ टुन्ना यूं तो शुरू से ही मनबढ़ था लेकिन प्रधानी की चुनावी रंजिश में अपने विरोधी शमशेर सिंह की गोली मारकर हत्या कर बकायदा उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा। इससे पहले अपने ही गांव के एक युवक को शादी के दौरान चाकू से मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध की दुनिया में सीढि़यां चढ़ता चला गया। अपने भाई आनंद दुबे के साथ मिलकर संगठित गैंग का संचालन शुरू किया व भाड़े पर हत्या, रंगदारी, जबरन ठेकेदारी, अवैध बालू खनन में हिस्सेदारी जैसे अपराध करता रहा।
नंदगंज थाना क्षेत्र के अलीपुर बनगांवा निवासी राजेश दुबे सात भाइयों में सबसे बड़ा था। वह अपने दो भाइयों आनंद दुबे व वीरेंद्र उर्फ भुट्टन के साथ अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए पहले छोटे वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। इसके बाद अपने गांव के ही एक युवक पर 2000 में चाकू से हमलाकर हत्या का प्रयास किया, फिर 2010 में चुनावी रंजिश में विरोधी को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद अपराध की सीढ़ी चढ़ता चला गया। पुलिस प्रशासन का दबाव बढ़ने और खुद को दुश्मनों से बचाने के उद्देश्य कुछ समय के लिए भूमिगत हो गया। हालांकि इसी दौरान वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद गाजीपुर जिला जेल में बंद रहा और 29 सितंबर 2017 को पेशी के दौरान न्यायिक अभिरक्षा से फरार हो गया था। अपने फरारी के दौरान संघ कार्यकर्ता व पत्रकार की हत्या कर एक बार फिर सुर्खियों में आया। जिले की पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये पुरस्कार घोषित कर रखा था।