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जर्जर मार्ग से शवों को ले जाने में होती परेशानी

भांवरकोल (गाजीपुर) : प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते रास्ते का निर्माण न होने से लोहारपुर (योगीवीर) श्मशानघाट पर शवों को लेकर पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है। सलारपुर से योगीवीर श्मशान घाट तक लगभग तीन किलोमीटर लंबा कच्चा मार्ग ऊबड़खाबड़ तथा गढ्ढायुक्त होने से शवों को ले जाने में काफी समस्या आती है। बिना जूता,चप्पल पहने शवों को लेकर पैदल जाने वालों तो काफी कष्ट होता है लेकिन न तो प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देता और न ही कोई जन प्रतिनिधि ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 07:44 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 07:44 PM (IST)
जर्जर मार्ग से शवों को ले जाने में होती परेशानी
जर्जर मार्ग से शवों को ले जाने में होती परेशानी

जासं, भांवरकोल (गाजीपुर) : प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते रास्ते का निर्माण न होने से लोहारपुर (योगीवीर) श्मशानघाट पर शवों को लेकर पहुंचने में काफी परेशानी हो रही है। सलारपुर से योगीवीर श्मशान घाट तकलगभग तीन किलोमीटर लंबा कच्चा मार्ग ऊबड़खाबड़ तथा गढ्ढायुक्त होने से शवों को ले जाने में काफी समस्या आती है। बिना जूता,चप्पल पहने शवों को लेकर पैदल जाने वालों तो काफी कष्ट होता है लेकिन न तो प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देता और न ही कोई जन प्रतिनिधि । इस श्मशानघाट पर रेवसड़ा, जोगामुसाहिब, गोड़ी, खैराबारी, सोनाड़ी, अमररूपुर, मांचा, अवथही, दहिनवर, लोचाइन, लोहारपुर, सलारपुर, बढ़नपुरा, भांवरकोल, पण्डितपुरा, मनिया, मिर्जाबाद आदि गांवों के लोग शवों का अंतिम संस्कार इसी श्मशानघाट पर करते के लिए ले जाते हैं । सत्येन्द्रनाथ शुक्ल, रामबचन राय, बृजेन्द्र नाथ राय, लल्लू राय, बलिराम वर्मा, विजयशंकर राय, विजयनारायण पांडेय, आशपति यादव आदि ने इस मार्ग को शीघ्र बनवाने की मांग की है ।

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