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बुराई पर अच्छाई की जीत, परंपरागत ढंग से मना विजयदशमी का पर्व

गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी का पर्व शुक्रवार को परंपरागत ढंग से मनाया गया। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से रामलीला स्थल लंका के मैदान में रात आठ बजे रावण वध किया गया। इसके बाद रावण के पुतले को अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के मुख्य संरक्षक एवं जिलाधिकारी के बालाजी ने रिमोट द्वारा पुतले को दहन किया। रावण के जलते ही मैदान में लाखों की संख्या में उपस्थित जन सैलाब हर हर महादेव व जय श्रीराम के जयकारा से गुंजायमान हो गया। इस मौके पर लंका मैदान सहित विभिन्न स्थानों पर मेला का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न प्रकार की दुकानें सजी जिससे लोगों ने खरीदारी की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 08:15 PM (IST)
बुराई पर अच्छाई की जीत, परंपरागत ढंग से मना विजयदशमी का पर्व
बुराई पर अच्छाई की जीत, परंपरागत ढंग से मना विजयदशमी का पर्व

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बुराई पर अच्छाई की जीत का विजयदशमी का पर्व शुक्रवार को परंपरागत ढंग से मनाया गया। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से रामलीला स्थल लंका के मैदान में रात आठ बजे प्रतीकात्मक रावण वध किया गया। इसके बाद रामलीला कमेटी हरिशंकरी के मुख्य संरक्षक एवं जिलाधिकारी के. बालाजी ने रिमोट द्वारा रावण के पुतले का दहन किया। रावण के जलते ही मैदान में हजारों की संख्या में उपस्थित जन सैलाब द्वारा हर-हर महादेव व जय श्रीराम के जयकारे से गुंजायमान होने लगे। इस मौके पर लंका मैदान सहित विभिन्न स्थानों पर मेला का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न प्रकार की दुकानें सजी और लोगों ने जमकर खरीदारी की।

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रावण वध से पहले श्रीराम-रावण युद्ध का मंचन भी लंका मैदान में हुआ। बन्दे वाणी विनायको आदर्श रामलीला मंडल के कलाकारों ने दर्शाया कि स्थानीय लंकापति महाराज रावण अपने पूरे परिवार को मौत की नींद सुला कर क्रोध अहंकार में चूर होकर अपने चतुरंगणीय सेना के साथ रथ पर सवार होकर रणभूमि के लिए प्रस्थान कर देते हैं। वहां पहुंचकर श्रीराम को युद्ध के लिए ललकारते हैं। श्रीराम ने कहा कि हे रावण तुम अपने अंहकार को छोड़कर सीता को वापस कर दो। फिर भी रावण का अहंकार नहीं गया। अंत में श्रीराम, लक्ष्मण क्रोध में आकर अपने वाणों की बौछार करना शुरू कर देते हैं। फिर भी रावण नहीं मरता है, अपितु उसका सिर नये रूप में आने लगता है। तब विभीषण ने श्रीराम प्रभु के कानों में कहा कि हे प्रभु इसके नाभि में अमृत है तब विभीषण की बात को सुनकर श्रीराम प्रभु अपने अग्नि वाण से रावण पर प्रहार करते हैं जिससे रावण धराशायी हो जाता है। जब वह धराशायी हुआ तो पृथ्वी भी कांप उठती है। उधर श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि हे लक्ष्मण तुम महाराज रावण के पास जाकर राजनीति की शिक्षा ले लो। भाई के आदेशानुसार लक्ष्मण रावण के पास आकर उसके सिर के पास खड़े होते हैं। रावण उन्हें देख न सका। अत: लक्ष्मण अपने भाई श्रीराम के पास जाकर कहते है कि रावण का घमंड अभी नहीं गया है उनकी बातों को सुनकर श्रीराम लक्ष्मण को लेकर रावण के पास आते हैं और उसके पैर के सामने आकर प्रणाम किया। तब रावण ने श्रीराम को राजनीति के बारे में सारी जानकारी दे देते हैं। इस लीला को देखकर जन सैलाब ने श्रीराम का जयकारा लगाते हुए पूरे मैदान को राममय बना दिया। इससे पूर्व 18 अक्टूबर को कलाकारों ने मेघनाद वध, सति सुलोचना संवाद तथा रावण का युद्ध भूमि के लीला का मंचन किया। इस मौके पर सह संरक्षक व पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर ¨सह, एसडीएम शिवशरणप्पा, सीआरओ दीनानाथ, नगरपालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, दीनानाथ गुप्ता, विनय कुमार ¨सह, ओमप्रकाश तिवारी उर्फ बच्चा व लव कुमार त्रिवेदी आदि थे।

रथ पर हुआ श्रीराम-रावण युद्ध का मंचन-मुहम्मदाबाद : नगर के महादेवा स्थित रामचबूतरा परिसर के पास मेला का आयोजन किया गया। पहली बार रामलीला में राम रावण युद्ध का मंचन बाकायदे रथ पर हुआ। रावण वध होते ही श्रीरामचंद्र के जयकारे से पूरा माहौल गूंज उठा। इसके पश्चात रामचंद्र जी ने रावण के पुतले में आग लगाकर उसका दहन किया। पुतले में आग लगते ही खूब आतिशबाजी हुई जिसका लोगों ने भरपूर आनंद लिया। दशहरा मेला के मौके पर सोमेश्वर महादेवा मंदिर स्थित अखाड़े पर रामलीला समिति की ओर से कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया था जिसमें इलाके के नामी पहलवानों ने अपने दांव आजमाए। रामलीला संपन्न कराने में ओपी गिरि, मनोज शर्मा, रवि पांडेय, पप्पू पांडेय, प्रदीप राय, सुजीत चौधरी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।

भांवरकोल : क्षेत्र के शेरपुर तरांव मनिया अवथहीं अमररूपुर तथा कनुवान सहित अन्य गांवों में विजयदशमी के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया। रावण वध के उपरांत रावण का पुतला जलाया गया। करीमुद्दीनपुर : क्षेत्र के गोड़उर गांव में रावण वध के साथ रामलीला के मेला का समापन हुआ। काफी संख्या में लोगों ने पहुंचकर मेला का आनंद उठाया।

मेला में उठाया स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद-सैदपुर : नगर स्थित रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला व मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। देर रात रावण वध होते ही गगन जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। मेले में चाट, पकौड़ी, जलेबी समेत अन्य पकवान के साथ ही गुब्बारा, खिलौना, मिट्टी के बर्तन आदि की दुकानें सजी हुई थी। बच्चों व महिलाओं से लेकर बूढ़ों तक की भीड़ मेले में दिखी। अराजक तत्वों ने मनमानी करनी चाही तो पुलिस ने लाठियां भी भांजी। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष इंद्रसेन ¨सह द्वारा आभार प्रकट किया गया। यहां अविनाशचंद्र बरनवाल, बसंत सेठ, शिशिर सेठ, प्रदीप श्रीवास्तव, आशुतोष ¨सह, संतोष पाठक आदि मौजूद थे।

सिधौना : क्षेत्र के औड़िहार स्थित रेलवे मैदान में दशहरा पर रावण का दहन किया गया। इस दौरान आयोजित मेले में भारी भीड़ रही। खानपुर में सिधौना, रामपुर, नेवादा, गोपालपुर समेत सभी गांवों में दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सिधौना में श्रीराम ने विभीषण की सलाह पर रावण के नाभि को लक्ष्य कर सर संधान किया तो रावण का वध हुआ। रावण ने विभीषण को कुलद्रोही का श्राप दिया। कहा कि तुम रामभक्त होकर भी युगो युग तक अपयश के पात्र रहोगे।

नंदगंज : स्थानीय बाजार व बरहपुर जूनियर हाई स्कूल के मैदान में आयोजित मेले में भगवान राम का बाण लगते ही रावण का पुतला धू-धूकर जल उठा। इस नजारे को देखने के लिए उमड़े जनसैलाब ने जय श्रीराम के नारे लगाए। बहरियाबाद: स्थानीय कस्बा सहित रायपुर, मिर्जापुर, हुरमुजपुर, पलिवार, प्यारेपुर,इब्राहीमपुर आदि क्षेत्रों में विजयादशमी हर्षोल्लास एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया। पहला मौका रहा जब विजयादशमी के मौके पर राम-जानकी मंदिर पर गुरुवार व शुक्रवार दो दिन मेला लगा। शादियाबाद : बेसो नदी के किनारे मेला और रावण दहन का आयोजन किया गया। भगवान राम का बाण लगते ही रावण का पुतला पटाखे की आवाज के साथ जलने लगा। हर तरफ जय श्री राम होने लगा।

जखनियां : स्थानीय कस्बा समेत रामपुर बलभद्र, पदुमपुर आदि गांवों में दशहरा धूमधाम से मनाया गया। सिद्धपीठ भुड़कुड़ा में महंत शत्रुध्न दास जी महाराज द्वारा पूजन किया गया। भीमापार : क्षेत्र के अमुवारा गांव स्थित प्राचीन मंदिर पर विजयदशमी के दिन रावण के विशाल पुतले का दहन किया गया। सादात : क्षेत्र के मंजुई, हुरमुजपुर गांव मे रामलीला का आयोजन किया गया। नगर के भोलासाव पोखरा पर विशाल मेले का आयोजन किया गया जिसमें भारी भीड़ रही। मौधिया, पहाड़पुर, ससना सवास, मखदूमपुर, बौरवां, कनेरी आदि गावों मे दशहरा की धूम रही।

नौ सिर वाले रावण का दहन-नंदगंज : विजयदशमी पर नंदगंज बाजार में नौ सिर वाले रावण जलाया जाना चर्चा का विषय बना रहा। बच्चे बार-बार अभिभावकों से इसके बारे में पूछ रहे थे। रामलीला के संयोजक व अध्यक्ष पंकज जायसवाल ने कहा कि भूलवश ऐसी गलती हो गई है। बता दें कि कुछ वर्ष पहले ही भी रामलीला समिति ने यह गलती की थी।


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