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संक्रमित के साथ क्रिकेट मैच खेलने वालों चिह्नित करने में जुटी टीम

जासं गाजीपुर हजारों किमी का सफर बाइक से तय कर घर पहुंचने वाले युवक के कोरोना पाजिटिव होने से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं। जनपद में कोरोना के अंतिम केस के ठीक 19 वें दिन मरीज मिलने से महामारी से ऊबर रहे जनपद पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। यही नहीं संक्रमित के साथ क्रिकेट मैच खेलने वालों को अब चिन्हित करने में टीम जुटी हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब युवक का स्वैब लिया गया तो जनपद मुख्यालय न रखकर होम क्वारंटाइन क्यों किया गया। इधर कोरोना मरीज मिलने की जानकारी होते ही सीएम द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अधिकारियों से तैयारियों की रिपोर्ट ली गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 06:06 AM (IST)
संक्रमित के साथ क्रिकेट मैच खेलने वालों चिह्नित करने में जुटी टीम
संक्रमित के साथ क्रिकेट मैच खेलने वालों चिह्नित करने में जुटी टीम

जासं, गाजीपुर : हजारों किमी का सफर बाइक से तय कर घर पहुंचने वाले युवक के कोरोना पाजिटिव होने से राहत की उम्मीद पाल बैठे जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां और बढ़ गईं। जनपद में कोरोना के अंतिम केस के ठीक 19 वें दिन मरीज मिलने से महामारी से ऊबर रहे जनपद पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यह दर्शाता है कि बाहर से आ रही लोगों की खेप को लेकर सावधानी न बरती गई तो यह कितना घातक हो सकता है। यही नहीं संक्रमित के साथ क्रिकेट मैच खेलने वालों को अब चिन्हित करने में टीम जुटी हुई। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब युवक का स्वैब लिया गया तो जनपद मुख्यालय न रखकर होम क्वारंटाइन क्यों किया गया। इधर, कोरोना मरीज मिलने की जानकारी होते ही सीएम द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अधिकारियों से तैयारियों की रिपोर्ट ली गई।

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बीते अप्रैल माह के पहले सप्ताह में कोरोना पाजिटिव की संख्या पांच होने के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से सकते में आ गया था। इसी बीच बीते 20 अप्रैल को एक महिला के संक्रमित मिलने के बाद संख्या छह होने से हलचल की स्थिति बनी हुई थी। इसी बीच बीते 21 अप्रैल को पांच कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की जानकारी पर राहत की सांस ली थी, जबकि छह मई को भी जनपद के लिए अच्छा दिन रहा, जब कोरोना संक्रमित महिला ठीक होकर अपने घर लौट आई। इसके बाद लोगों को पूरा अनुमान था कि अब जनपद धीरे-धीरे कोरोना महामारी से ऊबर रहा है। अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही जिला ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन में बदल जाएगा, लेकिन एक बार फिर कोरोना पाजिटिव मिलते ही सभी की उम्मीद पर पानी फिरता दिख रहा है। अब गैर प्रांतों से लौटे प्रवासी मजदूरों की जांच व उनकी निगरानी मेडिकल टीम के लिए चुनौती बनती दिख रही है।


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