अंधेरे में रोशनी की किरण है राजकीय लाइब्रेरी
गाजीपुर : पुस्तकालय का समाप्त होता वजूद और पाठकों की लगातार कम होती संख्या के बीच मिश्र बाजार स्थित राजकीय जिला लाइब्रेरी अंधेरे में रोशनी की किरण है। इसमें अभी भी पाइकों की संख्या बनी हुई है। इसमें विभिन्न विषयों की 14 हजार पुस्तकें हैं । इसे पढ़ने के लिए रोजाना 20 से 25 पाठक आते हैं। साथ ही इसके आजीवन तीन सौ सदस्य हैं जो शुल्क जमाकर इस लाइब्रेरी के सदस्य बने हैं।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : आम पुस्तकालयों में सन्नाटा और पाठकों की लगातार कम होती संख्या के बीच मिश्र बाजार स्थित राजकीय जिला लाइब्रेरी अंधेरे में रोशनी की किरण है। इसमें अभी भी पाठकों की संख्या बनी हुई है। इसमें विभिन्न विषयों की 14 हजार पुस्तकें हैं। इसे पढ़ने के लिए रोजाना 20 से 25 पाठक नियमित आते हैं। इसके आजीवन सदस्य तीन सौ हैं जो शुल्क जमाकर इस लाइब्रेरी के सदस्य बने हैं।
मिश्र बाजार में राजकीय जिला पुस्तकालय की बुनियाद वर्ष 1986 में पड़ी थी। इसमें पाठकों की रुचि के अनुसार हर विषय की पुस्तकें उपलब्ध कराई गईं। लोगों को इससे जोड़ने के लिए आजीवन सदस्य बनाने की सुविधा चालू की गई। इसके लिए रिफंडेबल पांच सौ रुपये शुल्क रखा गया। पाठकों की सुविधा के लिए यहां पुस्तकें ले जाने की भी व्यवस्था है। इसमें शुरू से ही पाठकों की संख्या बनी हुई है। हालांकि पूर्व की अपेक्षा पाठकों की संख्या में कमी आई है, फिर भी इसकी हालत अन्य लाइब्रेरी जैसी नहीं है। यहां रोजाना करीब दो दर्जन पाठक आकर अध्ययन कर अपनी जानकारी में इजाफा करते हैं।
---
पूर्व की अपेक्षा घटी है पाठकों की संख्या : सब लाइब्रेरियन अजय ¨सह ने बताया कि पुस्तकालय में पाठकों की संख्या अच्छी है। फिर भी इधर कुछ वर्षो से रोजाना आने वालों की संख्या में कमी आई है। जब पुस्तकालय की शुरुआत हुई थी तब काफी संख्या में युवा व बुजुर्ग पहुंचते थे लेकिन अब इनकी संख्या कम हो गई है।