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गरमाने लगा क्षतिग्रस्त सड़क का मुद्दा

जासं मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) सेमरा गांव से तहसील मुख्यालय जाने वाली जर्जर सड़क का मरम्मत न कराया जाना अब ग्रामीणों के बीच चुनाव का बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। करीब छह वर्ष पूर्व बाढ़ के दौरान टूटी सड़क व पुलिया से आवागमन की दुश्वारियां झेल रहे ग्रामीण अब सड़क की समस्या को ध्यान में रखकर ही मतदान करने की चर्चा करना शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 05:09 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 05:09 PM (IST)
गरमाने लगा क्षतिग्रस्त सड़क का मुद्दा
गरमाने लगा क्षतिग्रस्त सड़क का मुद्दा

जासं, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : सेमरा गांव से तहसील मुख्यालय जाने वाली जर्जर सड़क का मरम्मत न कराया जाना अब ग्रामीणों के बीच चुनाव का बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। करीब छह वर्ष पूर्व बाढ़ के दौरान टूटी सड़क व पुलिया से आवागमन की दुश्वारियां झेल रहे ग्रामीण अब सड़क की समस्या को ध्यान में रखकर ही मतदान करने की चर्चा करना शुरू कर दिए हैं।

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सेमरा गांव से जियनदासपुर गांव व कस्बा के मठिया मुहल्ला होते करीब चार किलोमीटर लंबी सड़क तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए शाहनिदा के पास एनएच-31 में आकर मिलती है। वर्ष 2013 में आई बाढ़ के दौरान सड़क टूटकर जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई। हालत यह है कि सेमरा गांव से चलने पर प्राथमिक विद्यालय से आगे अंबेडकर मोड़ तक नाम मात्र की सड़क बची है जो हमेशा दुर्घटना को आमंत्रित करती है। सेमरा गांव के पश्चिम सिरे पर काफी खतरनाक गड्ढे का शक्ल अख्तियार कर चुकी है। वहीं गांव से साधु की कुटी आने वाले रास्ते पर करीब 10 मीटर से अधिक सड़क काफी खराब स्थिति में है। साधु कुटी से आगे भागड़ पुलिया तक कई जगह सड़क टूटी हुई है। जियनदासपुर गांव के पास तो सड़क नाम की कोई चीज नहीं है। काफी खतरनाक गड्ढों के चलते आए दिन साइकिल व बाइक सवार तो गिरते ही रहते हैं, सामान लदे चार पहिया वाहन भी अक्सर पलट जाते हैं। गोलाघाट के पास क्षतिग्रस्त पुलिया के मरम्मत के नाम पर विभाग की ओर से जमकर धन का बंदरबांट की गई। उस पर काफी दिनों पूर्व गिराए गए ईंट के टुकड़े काफी खतरनाक शक्ल अख्तियार कर लिए हैं। थोड़ी सी असावधानी से लोग करीब 10 फीट नीचे गड्ढे में गिर सकते हैं। वहां से आगे मठिया मुहल्ले में कई जगह सड़क टूटी हुई है। सब मिलाकर करीब छह वर्ष के बाद आज तक सड़क मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा सका है, जबकि विभाग की ओर से सड़क मरम्मत के लिए करीब छह माह पूर्व टेंडर प्रकाशित कराया जा चुका है।

बोले ग्रामीण ..

-सेमरा गांव के अधिवक्ता शिवानंद यादव ने कहा कि सड़क मरम्मत को लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों से बात की गई लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। चुनाव में इस सड़क की दशा को ध्यान में रखकर मतदान किया जाएगा।

- लोकनाथ यादव ने कहा कि बीते लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सड़क मरम्मत कराने का वादा किया गया जो पूरी तरह से झूठा साबित हुआ। पुराने वादों के पूरा नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। इस बार ग्रामीण सिर्फ वादे पर मानने वाले नहीं हैं।

- हरिशंकर यादव ने कहा कि विभागीय अधिकारियों से शिकायत करने पर धन न होने की बात कह वह टाल देते हैं। इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों से भी की गई लेकिन अब तक मरम्मत नहीं हो सकी। आवागमन में हो रही परेशानी मतदान के दिन अवश्य याद रखी जाएगी।

- रमेश तिवारी ने बताया कि सड़क मरम्मत के नाम पर केवल विभागीय अधिकारी व ठेकेदार धन का बंदरबांट किए हैं। गड्ढों में टुकड़ी व थोड़ी मिट्टी गिराकर कार्यों की इतिश्री कर ली गई। विधानसभा चुनाव के दौरान लगा कि मरम्मत होगा लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी सड़क जस की तस है।

- आकाश राय ने बताया कि सड़क से होकर तहसील मुख्यालय तक जाना कितना कष्टकारी हैं उसको बयां किया जाना मुश्किल है। सड़क मरम्मत कार्य केवल चुनावी वादा बनकर रह गया है। इस चुनाव में गांव के युवा इसे बड़ा मुद्दा बनाने के मूड में दिख रहे हैं।


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