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मुक्त शिक्षा की डिग्री का महत्व पारंपरिक शिक्षा से कम नहीं

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पीजी कालेज स्थित टेरी सभागार में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 06:55 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 06:55 PM (IST)
मुक्त शिक्षा की डिग्री का महत्व पारंपरिक शिक्षा से कम नहीं
मुक्त शिक्षा की डिग्री का महत्व पारंपरिक शिक्षा से कम नहीं

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पीजी कालेज स्थित टेरी सभागार में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के एक दिवसीय कार्यशाला में मुक्त शिक्षा की चुनौतियों और संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर वाराणसी क्षेत्र के अधीन आने वाले सभी 200 अध्ययन केंद्रों के समन्वयक एवं प्राचार्य शामिल हुए।

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मुख्य अतिथि के तौर पर राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर ¨सह ने कहा कि यह महज भ्रांति है कि मुक्त शिक्षा की डिग्री का महत्व पारंपरिक शिक्षा से प्राप्त डिग्री से कम है। मुक्त शिक्षा से प्राप्त डिग्री के आधार पर दुनिया में कहीं भी रोजगार पा सकते हैं। प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ¨सह ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालयों की स्थापना में उच्च शिक्षा की सुविधा उन लोगों तक पहुंचाई है जो ऐसे पेशे में लगे हुए हैं जिन्हें कालेज या विश्वविद्यालय में जाने और पढ़ने का समय नहीं है। दरअसल ज्ञान सबकी मूलभूत जरूरत है इनके बिना जीवंत आधुनिक समाज का निर्माण संभव नहीं है। इस अवसर पर प्राचार्य अशोक कुमार ¨सह, डा. आरपीएस यादव, डा. सीके ¨सह, बालेश्वर ¨सह, समर बहादुर ¨सह, डा. शिवकुमार, बृजभान ¨सह बघेल, कालेज के मीडिया प्रभारी अमितेश ¨सह, शरद पाल, अनिल पांडेय व योगी बालेश्वर विक्रम आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। संचालन डा. विनय कुमार दुबे ने किया।


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