11 वीं कक्षा के छात्र ने बनाया उन्नत किस्म का ड्रोन
गाजीपुर : सेंट जांस स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्र सुमित ¨सह ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जिससे देश की सीमा पर दुश्मनों की निगरानी की जा सकती और खेती-बारी में भी इसका उपयोग किया जा सकता है, ऐसा उनका दावा है। अपने इस आविष्कार के लिए सुमित सम्मानित भी हो चुके हैं। आगे इसे और उन्नत बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।
गाजीपुर : शहर के गोराबाजार निवासी व सेंट जॉन्स स्कूल में 11वीं के छात्र सुमित ¨सह ने एक ऐसा ड्रोन विकसित किया है जिससे देश की सीमा पर दुश्मनों की निगरानी की जा सकती है और खेती-बारी में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। ऐसा उनका दावा है। अपने इस आविष्कार के लिए सुमित सम्मानित भी हो चुके हैं। वह आगे इसे और उन्नत बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ड्रोन के सारे पार्ट्स विदेश से मंगवाए हैं। यह नवविकसित ड्रोन से अब तक उपलब्ध अन्य ड्रोन से एक चौथाई सस्ता और छह गुना अधिक शक्तिशाली है। पढ़ाई से समय निकाल कर वह ड्रोन को और बेहतर बनाने में जुटे रहते हैं।
जिस उम्र में बच्चे टीवी पर कार्टून देखते हैं, उस उम्र में सुमित को ड्रोन में दिलचस्पी है। इंटरनेट का इस्तेमाल ज्यादातर लोग मनोरंजन के लिए करते हैं जबकि सुमित इसका इस्तेमाल ड्रोन बनाने की विधि और उसके पार्ट्स के बारे में जानकारी जुटाने में करते हैं। पहले विरोध करने वाले सुमित के अभिभावकों ने मेधा परखी तो विदेश से ड्रोन के पार्ट्स मंगवाए।
सुमित के अनुसार छह पंखे वाले इस ड्रोन की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह लगातार 45 मिनट तक उड़ने में सक्षम है। इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगा हुआ है। यह स्वयं उड़ान भर सकता है और लैंड भी कर सकता है। इसकी एक और विशेषता है कि सिग्नल से बाहर चला जाएगा तो भी स्वयं अपने नियत स्थान पर वापस लौट आएगा। इस ड्रोन का फील्ड की निगरानी, एरियल फि¨ल्मग, कीटनाशक छिड़काव व खुफिया जानकारी जुटाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। शिक्षक दंपती के इकलौते पुत्र सुमित को इस आविष्कार के लिए सबसे ज्यादा सहयोग अपने दादा व पीजी कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डा. रमाशंकर ¨सह से मिला। सुमित बताते हैं कि दादा जी ने हमेशा हमारा मनोबल बढ़ाया, जिसके चलते हम अपना प्रोजेक्ट पूरा करने में सफलता मिली।
--- प्रदर्शनी में मिला स्वर्ण पदक
- सेंट जॉन्स स्कूल में पिछले वर्ष जिला विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में सुमित का यह ड्रोन काफी सराहा गया। वहां सुमित को इस आविष्कार के लिए स्वर्ण पदक मिला। इसके अलावा सुमित और कई जगह सम्मानित व पुरस्कृत हो चुके हैं। दिन पर दिन उनका हौसला बढ़ता जा रहा है।
------------------ पेटेंट कराने के बाद बनेगा और उन्नत
- सुमित ने अपने इस आविष्कार को पेटेंट कराने के लिए कौंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के पास भेजा है। वह इसे पेटेंट कराने के बाद और उपयोगी बनाएंगे। आगे सीमा पर तैनात जवानों के उपयोग के लिए इस ड्रोन में छोटे हथियार फिट करने की योजना है जिसमें कैमरे भी लगे रहेंगे। दावा है कि इससे यह अपने दुश्मनों को दूर से ही पहचान कर उन्हें मार गिराएगा।