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सरकार की आमद मरहबा, हिदुस्तान जिदाबाद के लगे नारे

शादियाबाद (गाजीपुर) स्थानीय क्षेत्र मे पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश पर जुलूस ओर तकरीर का सिलसिला देर रात तक चलता रहा । पूरे कस्बे को झालरों लाईट एवं इस्लामी झंडो से सजाया गया था। हर तरफ सरकार की आमद मरहबा हिदुस्तान

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:23 AM (IST)
सरकार की आमद मरहबा, हिदुस्तान जिदाबाद के लगे नारे
सरकार की आमद मरहबा, हिदुस्तान जिदाबाद के लगे नारे

जासं, शादियाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय क्षेत्र मे पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश पर जुलूस ओर तकरीर का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। पूरे कस्बे को झालरों, लाइट एवं इस्लामी झंडों से सजाया गया था। हर तरफ सरकार की आमद मरहबा, हिदुस्तान जिदाबाद के नारे बुलंद हो रहे थे। लोग एक दूसरे को बारह रबी अव्वल की मुबारकबाद दे रहे थे। घरों में अच्छे अच्छे पकवान बनाकर नजर नियाज दिलाया गया। सभी मोहल्ले से जुलूसे मोहम्मदीबड़ी धूमधाम के साथ निकाला गया जो देर रातक तक मोहल्लों का भ्रमण करता रहा।

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कस्बा दयालपुर, कस्बा मसउदपुर, खतीबपुर एवं सिपाह मोहल्ला से दो बजे जुलूस निकाला गया। सभी जुलुस अपने अपने परम्परागत रास्ते से होते हुए मलिक मरदान शाह बाबा की मजार पर एकत्र हुए इसके बाद एक साथ होकर देर रात पुरानी बाजार स्थित जुमा मस्जिद पर समाप्त हुआ। जुमा मस्जिद पर तकरीर पेश करते हुए मौलाना एनुल बशर ने कहा कि इस्लाम हमें शांति और इंसानियत की सीख देता है। हजरत मोहम्मद साहब के दुनिया में तशरीफ लाने से पहले दुनिया में तरह-तरह की बुराईयों का बोलबाला था। हजरत मोहम्मद साहब ने हमें सही ओर गलत कामों का फर्क बताया। इस्लाम के रास्ते पर चलने की सीख दी। मौलाना अमीरउद्दीन मिस्बाही ने कहा कि इस्लाम हमें शांति और इंसानियत का पैगाम देता है । गरीब मजलूमों व जरुरतमंदो की मदद करना सिखाता है । इस्लाम में पड़ोसी का दर्जा सबसे ज्यादा है। मेरे नबी ने कहा कि वह इंसान कभी मुसलमान हो ही नहीं सकता है जिसका पड़ोसी परेशान हो और भूखा सोए। कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद का जो फैसला किया है हम अपने वतन ओर अपने संविधान से मोहब्बत करते हुए इसे स्वीकार करते हैं।


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