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गुनाहों से तौबा करने की रात है शब-ए-बरात

शादियाबाद इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शब-ए-बरात का पर्व शाबान माह की 14 तारीख को मनाया

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 04:45 PM (IST)
गुनाहों से तौबा करने की रात है शब-ए-बरात
गुनाहों से तौबा करने की रात है शब-ए-बरात

शादियाबाद : इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शब-ए-बरात का पर्व शाबान माह की 14 तारीख को मनाया जाता है, जिसमें इस्लाम धर्म के मानने वाले पूरी रात इबादत, कुरान पाक की तिलावत और दान-पुण्य करते हैं। शब-ए-बारात पर घरों में तरह-तरह के स्वादिष्ट मिष्ठान व पकवान भी बनाए जाते हैं। मौलाना अमीरउद्दीन मिस्बाही ने कहा है कि अल्लाह का खास करम है कि उसने हमें शब-ए-बरात जैसी नूरानी और मुकद्दस रात से नवाजा है। यह रहमत, मगफिरत, जहन्नम से छुटकारा और दुआओं की कबूलियत की रात है। इसमें ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगें। बहुत सारे लोग इस रात की अहमियत को नहीं समझते हैं और पूरी रात खेल तमाशा, आतिशबाजी और फिजूल कार्यों में बर्बाद कर देते हैं। इस रात सदका व खैरात ज्यादा से ज्यादा करें। यतीमों, बेसहारों, मोहताजों और मजबूर पड़ोसियों को खासकर नकदी दें ताकि वह अपनी जरूरत की चीज हासिल कर सकें।

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