परमात्मा के भेजे दूत हैं संत
जासं, देवकली (गाजीपुर) : स्थानीय बाजार में पांच दिवसीय मानस सम्मेलन के अंतिम दिन शुक्रवार को गोविदपु
जासं, देवकली (गाजीपुर) : स्थानीय बाजार में पांच दिवसीय मानस सम्मेलन के अंतिम दिन शुक्रवार को गोविदपुर से आए नीरज शास्त्री महाराज ने कहा कि मानव जीवन आज मिला है आगे मिलेगा या नहीं यह कोई ठीक नहीं है। 84 लाख योनियों में भटकने के पश्चात परमात्मा जीव को आवागमन के बंधन से मुक्त होने के लिए मानव रूप में भेजता है ताकि भजन कर बंधन से मुक्त हो सके। मानव तन पाने के बाद जो आवागमन के बंधन से मुक्त नहीं हो सका तो उस परमात्मा का क्या दोष है।
कहा कि संत परमात्मा का भेजा दूत है जो जीव व परमात्मा के बीच सेतु का काम करता है। वह किसी न किसी रूप में सदैव मौजूद रहता है। बक्सर से आए रामचन्द्राचार्य महाराज ने कहा जब करोड़ों जन्मों का पुण्य उदय होता है तो सच्चा सदगुरु व संत का दीदार होता है। आत्म साक्षात्कार करके अपने जीवन को कृतार्थ करना ही मानव जीवन पाने का असली उद्देश्य है। निखिल शास्त्री ने मानव जीवन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। रामनरेश मौर्य, नरेंद्र कुमार मौर्य, दयाराम गुप्ता, अर्जुन पांडेय, त्रिलोकी गुप्ता, अवधेश मौर्य, अशोक कुशवाहा, अमरनाथ मौर्य, रामकरन शर्मा आदि थे। अध्यक्षता प्रभुनाथ पांडेय व संचालन अरविद लाल श्रीवास्तव ने किया।