हड़ताल से विद्यालय बंद तो कार्यालयों में रहा सन्नाटा
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पुरानी पेंशन बहाली मंच के आंदोलन के दूसरे दिन भी कर्मचारियों
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : पुरानी पेंशन बहाली मंच के आंदोलन के दूसरे दिन भी कर्मचारियों व शिक्षकों का धरना जारी रहा। सभी ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। इस दौरान सभी कार्यालय व विद्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। सभी विकास खंडों से जुलूस की शक्ल में कर्मचारी-शिक्षक विकास भवन व तहसील मुख्यालय पहुंचे और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
विकास भवन में चल रहे धरने में मंच के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ¨सह ने कर्मचारी व शिक्षक संगठनों से आपसी मतभेद भुलाकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक मंच पर आकर संघर्ष करने का आह्वान किया। जिला संयोजक एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अम्बिका दुबे ने केंद्र व राज्य के कर्मचारी शिक्षक विरोध नीतियों की ¨नदा की। कार्य बहिष्कार में उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ सीनियर बेसिक शिक्षक संघ पूर्व माध्यमिक, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ, खंड शिक्षा अधिकारी, लेखपाल संघ, आइटीआइ कर्मचारी संघ, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ, राज्य आपूर्ति परिषद, जिला पंचायत, उद्यान, उद्योग आदि संगठन शामिल रहे। इस मौके पर मुक्तेश्वर श्रीवास्तव, अमरनाथ शर्मा आदि उपस्थित रहे। कर्मचारियों ने की भागीदारी
मुहम्मदाबाद : ब्लाक परिसर में चल रहे धरना प्रदर्शन में दूसरे दिन गुरुवार को कर्मियों ने जमकर भागीदारी की। खंड शिक्षा अधिकारी राघवेंद्र प्रताप ¨सह ने कहा कि सेवानिवृत होने के बाद पेंशन ही हमारा सहारा बनता है। कासिमाबाद खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि पेंशन हमारा अधिकार है। इस मौके पर मुहम्मदाबाद तहसील अध्यक्ष राजीव कुमार ओझा ,कासिमाबाद तहसील अध्यक्ष श्याम बिहारी यादव, संयोजक सूर्यभानु राय ,विजय नारायण यादव, प्रमोद उपाध्याय, पवन पांडेय, रमाकांत यादव, तिलकधारी यादव, दिनेश यादव आदि रहे।
लड़ाई में सबकी होनी चाहिए भागीदारी
जमानियां : रामलीला मैदान में दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। खंड विकास, प्राथमिक व माध्यमिक, जल निगम आदि विभाग के सैकड़ों कर्मचारी व शिक्षक शामिल रहे। मंच के तहसील अध्यक्ष भगवती प्रसाद तिवारी ने शिक्षकों व कर्मचारियों का हौसला अफजाई किया। धरनेमें मनोज कुमार यादव, विनोद कुशवाहा, मनोज यादव, प्रेम उपाध्याय, शिवशंकर ¨सह, बृजेश त्रिपाठी, विनीत ¨सह आदि रहे।