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बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति

जासं गाजीपुर बीएड व डीएलएड करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति तभी मिलेगी जब बायोमेट्रिक के माध्यम से उनकी उपस्थिति कम से कम 75 फीसद कालेज में होगी। अन्यथा वे इससे वंचित हो जाएंगे। समाज कल्याण विभाग इसको लेकर सभी कालेजों को पहले ही आगाह कर चुका है। ऐसे में अब कालेजों में इसको लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 05:20 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 05:20 PM (IST)
बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति
बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति

जासं, गाजीपुर : बीएड व डीएलएड करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति तभी मिलेगी जब बायोमेट्रिक के माध्यम से उनकी उपस्थिति कम से कम 75 फीसद कालेज में होगी। अन्यथा वे इससे वंचित हो जाएंगे। समाज कल्याण विभाग इसको लेकर सभी कालेजों को पहले ही आगाह कर चुका है। ऐसे में अब कालेजों में इसको लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

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राजकीय से लेकर ऐडेड और निजी कॉलेज तक शायद ही किसी कॉलेज में विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति रहती है। हालांकि यह पहले से तय है कि 75 फीसद से कम हाजिरी वाले परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे लेकिन कॉलेजों में कागजी खेल की वजह से कभी-कभी आने वालों को भी परीक्षा देने का मौका मिल जाता है। कॉलेज में विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का तोड़ शासन ने निकाल लिया है। सख्ती छात्रवृत्ति के बहाने की गई है। यह तय किया गया है कि अब उन्हीं छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिलेगी, जिनकी हाजिरी 75 फीसद होगी। इसमें भी कोई कागजी खेल नहीं चलेगा। छात्रवृत्ति आवेदन के समय कॉलेजों को हाजिरी का यह रिकॉर्ड समाज कल्याण विभाग देना होगा। इसलिए कॉलेजों को विद्यार्थियों की उपस्थिति के लिए बॉयोमीट्रिक मशीन लगवानी होगी। उच्च शिक्षा विभाग ने डिग्री कॉलेजों को इसका निर्देश भी जारी कर दिया है। स्पष्ट किया है कि हर कॉलेज अपने यहां विद्यार्थियों की उपस्थिति के लिए बॉयोमीट्रिक मशीन लगवाएं। यह भी सुनिश्चित करें कि हर विद्यार्थी कॉलेज और क्लास में आए, शिक्षक पढ़ाएं। शासन की टीम कभी भी कॉलेज पहुंचकर उपस्थिति का यह डिजिटल रिकॉर्ड चेक कर सकती है।

कई कालेजों में नहीं चलते क्लास

: डीएलएड व बीएड का प्रशिक्षण देने वाले कई कालेजों में तो क्लास ही नहीं चलते। इससे कालेज वालों को दोहरा लाभ मिलता है। एक तो शिक्षक नहीं रखने पड़ते और दूसरे क्लास न करने के एवज में प्रशिक्षणार्थियों से मोटी फीस वसूली जाती है। बीते शैक्षिक सत्र में समाज कल्याण विभाग ने हर कॉलेज से विद्यार्थियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड मांगा था। हालांकि बायोमीट्रिक हाजिरी का बंदोबस्त न होने की वजह से अधिकांश कॉलेजों ने कागजी डाटा ही उपलब्ध कराया था। मगर इस बार ऐसा नहीं चलेगा। शिक्षा विभाग की मानें तो रिकॉर्ड न देने वाले कॉलेज के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलना मुश्किल हो जाएगी।

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- सभी कालेजों में विद्यार्थियों की हाजिरी के लिए बॉयोमेट्रिक मशीन लगानी होगी। अगर उनकी उपस्थिति 75 फीसद से कम होगी तो उन्हें छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति से वंचित होना पड़ेगा। छात्रवृत्ति आवेदन के समय कॉलेजों को इसका ब्योरा देना होगा। - जितेंद्र मोहन शुक्ल, समाज कल्याण अधिकारी।


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