विजय दिवस पर इंदिरागांधी की साहसिक नीतियों को किया याद
- भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर बैठक का आयोजन -
- भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर बैठक का आयोजन
- भारतीय सेना के शौर्य, साहस और बलिदान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी की युद्ध नीतियों पर हुई चर्चा
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने पर राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों ने बैठक का आयोजन किया । इस मौके पर भारतीय सेना के शौर्य, साहस और बलिदान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी के सफल युद्ध नीतियों की चर्चा की गई।
स्टेशन रोड स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पर विजय दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि प्रदेश सचिव राहुल राजभर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। साथ ही जिलाध्यक्ष सुनील राम ने राष्ट्रगान का प्रारंभ किया। राहुल राजभर ने कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए 16 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक एवं गर्व का दिन है। आज ही के दिन सन 1971 में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह पराजित कर उनके 99 हजार सैनिकों को सरेंडर कराया जो कि भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की साहसिक युद्ध नीतियों और सकारात्मक निर्णय का परिणाम था। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील राम ने कहा कि इंदिरा गांधी आयरन लेडी के रूप में इसी ऐतिहासिक विजय के लिए जानी जाती हैं। कार्यक्रम में रवि कांत राय, लाल साहब यादव, राजीव कुमार सिंह, अजय कुमार श्रीवास्तव, संटू जैदी आदि थे।
जखनियां : मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाला शहीदों की याद में मनाया जाने वाला विजय दिवस कस्बा स्थित कांग्रेस कार्यालय पर मनाया गया। वक्ताओं ने कहा कि आज ही के दिन भारत-पाकिस्तान के बीच में 13 दिन से चल रही लड़ाई में विजय मिली थी। इस मौके पर ब्लाक अध्यक्ष देव नारायण सिंह, सर्वानंद चौबे, अनिल कुमार सिंह, मोहन राजभर, रूद्रप्रताप सिंह, रामप्रवेश पांडेय, रामकुमार पांडेय, राजेंद्र पांडेय आदि थे। संचालन मारकंडेय यादव ने किया। भारतीय सेना के शौर्य साहस और बलिदान का प्रतीक है विजय दिवस खानपुर : क्षेत्र के बभनौली में पूर्व सैनिकों ने विजय दिवस को राष्ट्र का गौरवमयी पल बताया। सन 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ आर्टिलरी कोर से युद्ध में शामिल रहे पूर्व सैनिक रामबली सिंह ने बताया कि पाकिस्तान को इस लड़ाई में बड़ी संख्या में जवानों को खोने के साथ नुकसान उठाना पड़ा। पूर्व फौजी अंबिका पांडेय ने कहा कि सन 1971 का भारत-पाक युद्ध उपमहाद्वीप के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश बना। इस मौके पर ओमकार सिंह, हवलदार पांडेय, गुलाब यादव, श्रीनारायण, शोभनाथ यादव, शोभनाथ सिंह आदि थे।