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धर्मपरिवर्तन के खिलाफ खुला मोर्चा

खानपुर व बहरियाबाद क्षेत्र के फौलादपुर में मिशनरी एजेंटों द्वारा लोगों को बरगलाकर प्रलोभनो द्वारा धर्मांतरण की सूचना के बाद जहां प्रशासन मूस्तैद हो गया है। वही क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग भी सक्रिय दिखाई देने लगे है। ¨हदू युवा वाहिनी के जिला उपाध्यक्ष राजेश ¨सह बब्लू व उनकी टीम के साथ क्षत्रिय महासभा सादात ब्लाक के अध्यक्ष पंकज ¨सह ने भी अवैध

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 06:54 PM (IST)
धर्मपरिवर्तन के खिलाफ खुला मोर्चा
धर्मपरिवर्तन के खिलाफ खुला मोर्चा

जासं, बहरियाबाद (गाजीपुर): खानपुर व बहरियाबाद क्षेत्र के फौलादपुर में मिशनरी एजेंटों द्वारा लोगों को बरगलाकर प्रलोभनों द्वारा धर्मांतरण की सूचना के बाद जहां प्रशासन मुस्तैद हो गया है वहीं स्थानीय लोग भी सक्रिय दिखाई देने लगे हैं।

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¨हदू युवा वाहिनी के जिला उपाध्यक्ष राजेश ¨सह बब्लू व उनकी टीम के साथ क्षत्रिय महासभा सादात ब्लाक के अध्यक्ष पंकज ¨सह ने भी अवैध ढंग से जगह-जगह संचालित ईसा प्रार्थना को बंद कराने के लिए मोर्चा खोल दिया है। बताया कि क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष राजकुमार ¨सह ने आरोप लगाया कि फौलादपुर के अनुसूचित जाति के नगीना राम को ईसा प्रार्थना के संचालक त्रिभुवन प्रसाद द्वारा 25 हजार रुपये व अन्य समस्याओं के निराकरण का हवाला देकर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया। अब जिला प्रशासन की सक्रियता से क्षेत्र के ईसा प्रार्थना के संचालकों में हड़कम्प मचा हुआ है। अब उक्त गांवों के लोग भी धीरे-धीरे बोलने लगे हैं। वह नहीं चाहते कि गांवों में ईसा प्रार्थना का आयोजन हो। गौरतलब है कि क्षेत्र के फौलादपुर हरिजन बस्ती में त्रिभुवन प्रसाद पास्कर इब्राहीमपुर गांव के भभौरा हरिजन बस्ती में रामू राम द्वारा, डिहवा गांव में चर्चित व्यक्ति राजकुमार उर्फ राजू पास्कर द्वारा, माधोटांडा गांव में रंजीत राजभर द्वारा व टाड़ा गांव सहित क्षेत्र के दर्जनों स्थानों पर अवैध ढंग से ईसा-प्रार्थना का आयोजन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो संचालकों का कहना है कि दीवारों पर बने निशान इत्यादि को मिटा तो देंगे पर दिल मे बसे ईसा के निशान को कैसे मिटाएंगे। ---

कागजात पर और गहराया संशय

जागरण संवाददाता, बहरियाबाद (गाजीपुर): बीते सोमवार को फौलादपुर हरिजन बस्ती में संचालित ईसा प्रार्थना स्थल पर पहुंचे थानाध्यक्ष जयचंद भारती को संचालक त्रिभुवन प्रसाद ने जो कागजात (जिराक्स कापी) दिखाया वह शालोम पास्कल प्रेयर मिनिस्ट्रीज नाम की एक संस्था है। जिसका उद्देश्य गरीबों, विधवाओं, महिलाओं आदि की मदद करना है। न कि ईसा प्रार्थना सभा का आयोजन करना है। हालांकि संस्था रजिस्टर्ड है या नहीं इसको भी लेकर थानाध्यक्ष संशय में हैं। इसकी जांच कराने की बात थानाध्यक्ष ने की है। उक्त संस्था कहां से व किस कार्यालय से रजिस्टर्ड है व रजिस्ट्रेशन नंबर क्या है का ब्यौरा उपलब्ध कराए गए कागजात में दर्ज नहीं है। लोगों का कहना है कि संस्था के आड़ में संचालकों द्वारा अनपढ़, गरीब व अनुसूचित जाति के अधिकतर लोगों को एजेंटों द्वारा भूत-प्रेत, गरीबी, बीमारी से मुक्ति व शादी इत्यादि के नाम पर एकत्रित किया जाता है। धीरे-धीरे ब्रेनवाश कर उन्हें धर्मांतरित कर दिया जाता है। क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जिनके घरों में ¨हदू देवी-देवताओं के बजाय ईसा का कैलेंडर, क्रास का निशान आदि है। वे ईसा-प्रार्थना के संचालकों को पास्कर कहते हैं। पास्कर प्रार्थना के बाद शामिल लोग दान-पात्र या झोली में बंद मुट्ठी से नकद दान देते हैं। साथ ही मानने वाले अनाज इत्यादि भी पहुंचाते हैं।


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