आंधी से गिरी कच्ची दीवार, महिला की गई जान
जागरण संवाददाता गाजीपुर मौसम बिगड़ने के बाद गुरुवार की सायं आई आंधी ने एक महिला की
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : मौसम बिगड़ने के बाद गुरुवार की सायं आई आंधी ने एक महिला की जान ले ली। कच्ची दीवार (पावा) गिरने से राजाराम यादव की पत्नी राजमती देवी (40) की मौत हो गई। वहीं शुक्रवार की सुबह शुरू हुई बूंदाबांदी से किसानों का गेहूं कटाई व मड़ाई का कार्य रुक गया। मौसम अचानक खराब होने से किसान परेशान हैं।
----
राजमती मौत से गांववासी मर्माहत
जखनियां : भुड़कुड़ा कोतवाली के अंतर्गत कौला जखनिया (मठिया) निवासी राजमती की मौत से पूरा गांव मर्माहत है। पति राजाराम यादव मुंबई में प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार में अब केवल एक 10 वर्षीय बेटा व चार बेटियां बची हैं। मां की मौत के बाद बच्चे बेहाल हैं। सभी को रो-रोक कर बुरा हाल है। राजमति ने अपने घर के सामने ईंट की कच्ची जोड़ाई कराकर पावा बनवाया था, जिस पर टिन शेड रखा गया था। यह पावा आंधी का दबाव नहीं झेल पाया और गिर गया, जिससे राजमती की मौके पर ही मौत हो गई। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रात में ही उनके दरवाजे पर काफी भीड़ जमा हो गई थी।
------- सब्जी मंडी में उड़ गया टिन शेड :
सैदपुर : आंधी व आंशिक बारिश से किसानों का नुकसान हुआ है। आंधी के चलते नगर स्थित नई सब्जी मंडी का टिनशेड उड़ गया। संयोगवश कोई था नहीं अन्यथा हादसा हो जाता। उधर, आंधी व आंशिक बारिश के किसानों के फसलों को नुकसान हुआ है। शाम को अचानक आंधी आने से सड़क पर आवागमन बाधित हो गया था। करीब आधा घंटे बाद आंधी थमी तो आवागमन सुचारू हुआ।
खानपुर: क्षेत्र में गुरुवार की देर शाम धूल भरी पछुआ आंधी ने पेड़ से सूखे पत्ते झाड़ने के साथ खेतों में काटकर रखे गेंहू को तितर-बितर कर दिया। गुरुवार को शाम सात बजे के बाद हवाओं का रूख तेज हो गया और शुक्रवार की सुबह हल्की बरसात ने खेतों में खड़े गेंहू और काटकर रखे गए बोझ भींगने से किसानों के माथे पर बल पड़ गया। किसानों के दरवाजे और खेतों में रखे अनाज भूसा और काटकर रखे गए फसलों को लेकर चिता बढ़ गई। बिझवल के हरेंद्र पाल और सिधौना के शिवाजी मिश्रा ने बताया कि रात में तेज आंधी से बचे फसल सुबह बरसात से भींग कर नुकसान के कगार पर पहुंच गई है। कड़ी मेहनत से तैयार फसलों को लेकर चिता बढ़ गई कि इन्हें इतनी जल्दी कैसे हटाया और बचाया जाए। गनीमत रही कि हल्की बूंदाबादी के बाद हवाओं का रुख कुछ नर्म पड़ गया और किसानों का भारी नुकसान होने से बच गया। फसलों की मड़ाई का कार्य कुछ दिनों के लिए बाधित हो गया है।