जयकारा के बीच संपन्न हुआ राम राज्याभिषेक
श्रीरामलीला समिति धारानगर की ओर से धनतेरस के मौके पर गुरुवार की देर शाम को श्रीराम राज्याभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : श्रीरामलीला समिति धारानगर की ओर से धनतेरस के मौके पर गुरुवार की देर शाम को श्रीराम राज्याभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नगर के चौक स्थित रामचबूतरा पर आयोजित कार्यक्रम में श्रीरामचंद्र को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राजतिलक कर राज्याभिषेक किया गया। राजतिलक होते ही चारों भाइयों के जयकारे से पूरा माहौल गूंज उठा। खुशी में मिष्ठान वितरित किया गया। कोविड-19 के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए इस बार राज्याभिषेक के पूर्व शोभा यात्रा नहीं निकाली गई। इस मौके पर ओपी गिरी, धर्मचंद चौधरी, सुरजीत पांडेय, रविप्रकाश पांडेय, लालबाबू जायसवाल, प्रदीप राय, मनीष शर्मा, बृजदेव राय, नवनीत पाठक, राहुल पांडेय, अभिषेक पांडेय, निलेश राय, पुजारी सदानंद महाराज, भागवत तिवारी आदि रहे। हनुमान जैसे भक्त के भगवान श्रीराम भी कर्जदार
जागरण संवाददाता, मलसा (गाजीपुर) : ढढ़नी स्थित महावीर मंदिर के प्रांगण में आयोजित त्रिदिवसीय हनुमान जयंती समारोह के दूसरे दिन पं. चंद्रेश महाराज ने रामकथा रूपी सरिता में गोते लगवाए। कहा कि रामजी यदि किसी के कर्ज तले अपने को दबा हुआ महसूस करते हैं, तो वह हैं हनुमानजी। संसार की यात्रा हो या आध्यात्म क्षेत्र की साधना, दोनों में निराभिमानी बने रहकर जो सतत कर्तव्य में ही लीन रहे और अपनी साधना एवं उपलब्धियों पर अभिमान न करें, वही व्यक्ति संसार को और परमात्मा को भी अतिशय प्रिय होता है।
हनुमान ने प्रभु राम के कठिन से कठिन कार्य को संपन्न किए परन्तु अपनी सेवा के बदले कुछ भी चाहा नहीं। यही वजह है कि रामजी को कहना पड़ा 'सुनु सुत तोहि उरिन मैं नाहीं, देखेउं करि बिचार मन माहीं अर्थात, हे पुत्र मैं बहुत विचार करने के बाद भी इसी निर्णय पर पहुंचता हूं कि तुमसे मैं कभी भी उऋण नहीं हो सकता। आयोजन में विनोद श्रीवास्तव, अशोक शर्मा एवं कैलाश यादव ने भी कथा अमृत पान कराया।