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गड्ढे की बजाय सड़क के किनारे बिछा दी पाइप लाइन

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By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 11:55 PM (IST)
गड्ढे की बजाय सड़क के किनारे बिछा दी पाइप लाइन
गड्ढे की बजाय सड़क के किनारे बिछा दी पाइप लाइन

जासं, गाजीपुर : विश्व बैंक सहायतित 1.98 करोड़ की नीर निर्मल परियोजना में धांधली का मामला सामने आया है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कार्यदायी संस्था ने एक मीटर गड्ढे की जगह सड़क के किनारे ही घटिया पाइप लाइन बिछा दी। वहीं पानी भी बालू सहित व प्रेशर रहित आ रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा विशेष सचिव से शिकायत के बाद हुई जांच में अनियमितता पकड़ी गई है। इससे कार्यदायी संस्था सहित विभागीय अधिकारियों में खलबली मची है।

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विश्व बैंक सहायतित नीर निर्मल परियोजना के तहत सर्वे के पश्चात शुद्ध पेयजल के लिए गांव-गांव पानी टंकी स्थापित कर पाइप लाइन द्वारा लोगों को पेयजल सप्लाई किया जा रहा है। यह शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें भी कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारी धांधली करने से बाज नहीं आ रहे हैं। भीमापार गांव में नई बो¨रग, पानी टंकी व नई पाइप लाइन बिछाने के लिए एक करोड़ 98 लाख रुपये स्वीकृत हुए। कार्यदायी संस्था ने सभी मानक को ताख पर रखकर पानी टंकी निर्माण के पश्चात आनन-फानन में भुगतान के लिए सड़क के किनारे ऊपर ही पाइप लाइन बिछा दिया। गांव की गलियों में कुछ जगह गड्ढा खोदा गया था। इतना ही नहीं बिछायी गई पाइप भी काफी घटिया थी। गांव में कहीं-कहीं एक मीटर की छह व सात इंच गड्ढा खोदकर ही पाइप डाल दी गई। बीते मई माह में विशेष सचिव गांव पहुंचे तो ग्राम प्रधान चंद्र सुरेश ने इसकी शिकायत की। इस पर मामले की जांच को जिला विकास अधिकारी मिश्री लाल बीते नवंबर माह में गांव पहुंचे। वहां का नजारा देखकर वह दंग रह गए। पाइप सड़क पर ही दिख रही थी वो भी घटिया। पानी भी बालू सहित आ रहा था, वो भी बिना प्रेशर के। इसके बाद भी विभाग द्वारा कार्यदायी संस्था को कुछ फीसद भुगतान कर दिया गया। इस पर डीडीओ ने जलनिगम से जवाब मांगा है। ---- प्रधान ने हैंडओवर लेने से कर दिया मना

- भीमापार के ग्राम प्रधान चंद्रसुरेश ने पानी टंकी को हैंडओवर लेने से भी मना दिया है। उनका कहना है कि इसमें काफी अनियमितता की गई है। अधिशासी अभियंता से शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो विशेष सचिव से शिकायत की गई। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो हम कोर्ट में जाने को विवश होंगे।

--- शुरु हो गया है मरम्मत कार्य

- जांच में कुछ अनियमितता मिली थी। सही करने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया गया है। कार्य चल भी रहा है। लगभग 80 फीसद कार्य हो गया है। यह कार्य कार्यदायी संस्था अपने खर्च से करा रही है। जबतक टंकी हैंडओवर नहीं होगी तब तक पूरा भुगतान भी नहीं किया जाएगा। डीडीओ द्वारा मांगी गई आख्या का जवाब भेज दिया हूं।

- ब्रह्मानंद, अधिशासी अभियंता जलनिगम

------------ - जांच में की गई शिकायत सही मिली है। यहां काफी अनियमितता मिली। जलनिगम से आख्या मांगी है। जवाब के आधार पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर भेज दिया जाएगा।

- मिश्री लाल, जिला विकास अधिकारी


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