लाइसेंस 100 को भी नहीं, पटाखा दुकानें बेहिसाब
जिलाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद भी नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में गैर लाइसेंसी दुकानों का जमावड़ा सैकड़े को भी पार कर चुका है जबकि लाइसेंसी दुकानों की संख्या सौ के आकड़े को नहीं छू पाई है। अवैध तरीके के पटाखा की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कहने वाले तहसील स्तरीय अधिकारियों व पुलिस के संरक्षण में इनका संचालन खुलेआम हो रहा है। अधिकारियों द्वारा जांच व कार्रवाई करने के बात सिर्फ जुबानी ही हो रही है लेकिन हकीकत कुछ अलग ही है।
जासं, गाजीपुर : जिले भर में पटाखों की दुकानों के महज 88 लाइसेंस जारी किए गए हैं जबकि हाल यह है कि एक-एक छोटे बाजार और चट्टी पर इससे अधिक दुकानें दिख रही हैं। आखिर किस तरीके से जिला प्रशासन के आदेश का अनुपालन कराया जा रहा है, किसके कहने पर बेहिसाब दुकानें खुल गई हैं, कहीं कोई हादसा हुआ तो इसका जवाबदेह कौन होगा आदि जैसे सवाल हैं जो जागरूक लोग उठा रहे हैं।
जिलाधिकारी के. बालाजी के सख्त निर्देश के बाद भी नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में गैर लाइसेंसी दुकानों की भरमार देखी जा रही है जबकि लाइसेंसी दुकानों की संख्या सौ के आकड़े को नहीं छू पाई है। अवैध तरीके से पटाखा की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कहने वाले तहसील स्तरीय अधिकारी व पुलिस वालों के संरक्षण में इनका संचालन खुलेआम हो रहा है। अधिकारियों द्वारा जांच व कार्रवाई करने की बात सिर्फ जुबानी ही हो रही है लेकिन हकीकत कुछ अलग ही है।
ऐसे में जिम्मेदार सिर्फ यह कहकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं कि थानाध्यक्षों को जांच का निर्देश दिया गया है। अगर कासिमाबाद तहसील की बात की जाए तो यहां सिर्फ बहादुरगंज में ही 10 पटाखा की दुकानों को लाइसेंस दिया गया है जबकि बाजार में दर्जनों पटाखा-दुकानें सजी हुई हैं। यही नहीं, दुकानदारों का भी कहना है कि पुलिस को पैसा देकर दुकानें लगाई गईं हैं। इसके अलावा कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां अवैध पटाखों दुकानें दर्जनों में लगी हुई हैं। कहां कितने लाइसेंस जारी
गाजीपुर नगर 45
सैदपुर 11
जमानियां 8
जखनियां 13
कासिमाबाद के बहादुरगंज में 10
दिलदारनगर में एक
मुहम्मदाबाद व सेवराई तहसील में एक भी नहीं।