राष्ट्रीय पशुओं की सुरक्षा जरूरी
जागरण संवाददाता खानपुर (गाजीपुर) क्षेत्र के अठगांवा स्थित वन्यविहार में विश्व बाघ दिवस पर वन्य
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर): क्षेत्र के अठगांवा स्थित वन्यविहार में विश्व बाघ दिवस पर वन्य पशुओं के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। पशुप्रेमी पूर्व एमएलसी डा. कैलाश सिंह ने कहा कि कभी पूरे धरती पर बेखौफ विचरण करने वाला बाघ आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
अपने वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टिग्रिस से पूरे दुनिया में प्रसिद्ध बाघ आज दर्जन भर देशों में सिमटकर रह गए हैं। विश्व में सबसे अधिक हिदुस्तान में पाए जाने वाले इस राष्ट्रीय पशु का सनातन धर्म में भी बहुत महत्व है। भारतीय संस्कृति ने हजारों वर्ष पूर्व ही इन बाघों की सुरक्षा के लिए इन्हें पूज्यनीय बना दिया है। सनातन धर्म की सबसे समृद्धशाली और ताकतवर देवी को इस बाघ की धारिणी बनाया गया है। इस खूंखार मांसाहारी वन्य जीव को शिकारियों और व्यापारियों ने अपने रोजगार का साधन बना लिया। जिससे इनका बेरहमी से शिकार होने लगा। धरती के इस आजाद मस्तमौला जानवर को सर्कस और चिड़ियाघरों से आजादी मिल रही है। हमें भी इन्हें सम्मान और सुरक्षा का भाव देकर अपने इस अनमोल राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित करना चाहिए।