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नवरात्र के पहले दिन श्रद्धा से पूजी गईं मां शैलपुत्री

जागरण संवाददाता गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शै

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 06:42 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 06:42 PM (IST)
नवरात्र के पहले दिन श्रद्धा से पूजी गईं मां शैलपुत्री
नवरात्र के पहले दिन श्रद्धा से पूजी गईं मां शैलपुत्री

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री श्रद्धा से पूजी गईं। लोगों ने मंदिरों में देवी मां की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की। श्रद्धालुओं ने घरों में कलश स्थापना कर मां का आह्वान कर पूजन-अर्चन किया। देवी मंदिरों में भक्तों ने घंटा-घडियाल बजाकर मां के जयकारे लगाए। उधर भक्तों ने व्रत रखकर अपने और परिवार की खुशहाली की कामना की। वहीं बाजार में चहल-पहल बनी रही। लोगों ने नारियल एवं चुनरी की खरीदारी की।

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नगर के गोराबाजार, मिश्र बाजार, लालदरवाजा, चीतनाथ, नवाबगंज आदि स्थित देवी मंदिरों में भीड़ रही। नवरात्र के पहले दिन लोगों ने मां के दरबार में जाकर हाजिरी लगाई। इस दौरान देवी मंदिरों में लोग दर्शन-पूजन के लिए आते और जाते रहे। कोविड-19 का असर होने के नाते लोग सामाजिक दूरी का पालन करते नहीं दिखे। मलसा : शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन श्रद्धालु अपने घरों में कलश स्थापना कर मां का दर्शन-पूजन किया। दुर्गा मंदिर ताड़ीघाट मेदनीपुर, नव दुर्गा मंदिर भगीरथपुर, सिद्धेश्वर शक्तिपीठ देवरिया, चंडी माता मंदिर ढढनी, दुर्गा मंदिर मतसा पर श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। गहमर : घरों में मां के भक्तों ने कलश स्थापित और मां शैलपुत्री की आराधना की। मंदिरों में बजने वाले घंटा-घडिय़ाल और 'जय माता दी' के जयकारे से वातावरण भक्तिमय हो गया था। करहिया स्थित मां कामाख्या मंदिर मे मंगला आरती के बाद महंत आकाश राज तिवारी ने भक्तों को बताया कि दुर्गा के प्रथम रूप की पूजा से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। साथ ही इनकी पूजा से भक्तों की आध्यात्मिक चेतना को बल मिलता है। कलश स्थापना के साथ शुरू होने वाले नवरात्र के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने और उनके मंत्र का जप करने से व्यक्ति का मूलाधार चक्र जाग्रत होता है और धन धान्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। भक्तगण आरोग्य एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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बाजार में उड़हुल फूल की बढ़ी मांग : वैसे तो नवरात्रि में विभिन्न प्रकार के फूल चढ़ाए जाते हैं, लेकिन, देवी पुराण के मुताबिक उनका पसंदीदा फूल उड़हुल है, जिसे अर्पित करना अधिक फलदायक बताया गया है। मान्यता है कि अड़हुल के फूल में मां दुर्गा का विशेष वास होता है। इस कारण बाजार में लाल रंग के अड़हुल फूलों की डिमांड बढ़ गई है। फूल कारोबारी मुन्ना भाई व धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस फूल की प्रतिदिन पूरे नवरात्र में की जाने वाली खरीदारी को लेकर पहले ही कई ने अग्रिम राशि जमा करा दी है जिसे छोटे बड़े साइज के हिसाब से एक रुपए से लेकर पांच रुपए प्रति पीस की दर से बेचा जा रहा था। वहीं, माला 30 रुपए प्रति व लरी 20 रुपए प्रति के भाव बेचा जा रहा है।

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नहीं हो रहा था सामाजिक दूरी का पालन

: कामाख्या धाम मंदिर पर सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा था। शासन की गाइड लाइन की धज्जियां सुरक्षाकर्मी ही उड़ाते दिखाई दिखे। लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए रोका-टोका भी नहीं जा रहा था।

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प्रथम दिन देवी मंदिरों पर कम दिखी भीड़

मुहम्मदाबाद : नगर सहित ग्रामीण इलाके में प्रथम दिन लोगों ने अपने घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कलश स्थापित कर देवी पाठ शुरू किया। काफी संख्या में श्रद्धालु व्रत रख देवी मंदिरों पर पहुंचकर दर्शन-पूजन किए। कोविड 19 के चलते मंदिरों पर सरकार के गाइड लाइन का पालन करते हुए लोगों ने दर्शन किया। इलाके की प्रसिद्ध मां कष्टहरणी भवानी मंदिर पर पांच की संख्या में जाकर लोग दर्शन करते रहे।

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कन्या पूजन का बहुत महत्व रेवतीपुर : क्षेत्र के नगदिलपुर गांव स्थित बक्सु बाबा धाम व ओम श्री बक्सु बाबा सैनिक एकेडमी के प्रबंधक विनोद गुप्ता के द्वारा अलग-अलग गांव के सामान्य, पिछड़ा व अनुसूचित जाति की सभी वर्गों की 21 कुंवारी कन्याओं का विधिवत पूजन किया गया। सबसे पहले उनका पैर धोकर बैठाया गया। इसके बाद धूप, दीप से चुंदरी देकर पूजन किया गया। इसके बाद उन्हें भोजन की थाली, कटोरी, गिलानी लेकर भोजन पूड़ी, सब्जी व मिठाई खिलाने के बाद दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रबंधक विनोद गुप्ता ने बताया कि पूजन का बहुत ही महत्व है। इस दौरान बाचा पांडेय, गौरी शंकर यादव, खेसारी, रामसिंह आदि थे ।


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