कटान से 20 बीघा से अधिक कृषि भूमि गंगा में समाहित
अंतर्देशीय जल परिवहन निगम का टावर चढ़ा कटान की भेंट साधु राय के डेरा से लेकर शेरपुर घाट तक हो रही कटान इसी तरह कटान होने से कई किसान हो जाएंगे भूमिहीन
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : गंगा का जलस्तर घटने से शनिवार की शाम से ही कटान होने लगी है। शेरपुर के परिया 61 से लेकर मुबारकपुर भागड़ के बीच रविवार की दोपहर तक पांच किलोमीटर के क्षेत्रफल में 20 बीघा से अधिक कृषि भूमि गंगा की धारा में समाहित हो चुकी है। यही नहीं परिया 53 स्थित दीनानाथ राय के खेत में अंतर्देशीय जल परिवहन निगम की ओर से जहाजों के आवागमन के समय रात में सिग्नल के लिए लगाया गया टावर भी कटान की भेंट चढ़ गया। कटान को लेकर पीड़ित किसान चितित हैं।
कटान प्रभावित सेमरा व शिवरायकापुरा गांव को बचाने के लिए शासन की ओर से कई करोड़ रुपए खर्च कर गांव के पश्चिम सिरे से रामतुलाई तक ठोकर का निर्माण कराया गया। इस निर्माण के चलते गांव पूरी तरह से सुरक्षित है। अब ठोकर से सटे साधु राय के डेरा से लेकर शेरपुर घाट तक कृषि भूमि कटान की भेंट चढ़ रही है। बाढ़ के दौरान करीब 50 बीघा से अधिक जमीन धारा में समाहित हो गई। रविवार को रुक-रुक कर कटान का सिलसिला जारी रहा। कटान के चलते कृषि भूमि का नुकसान होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट पैदा होती जा रही है। जिन किसानों के आय का स्त्रोत केवल कृषि है, उनका भविष्य में गुजारा करना मुश्किल हो सकता है। इसको लेकर किसानों का कहना है कि अगर रामतुलाई ठोकर के आगे इस कदर ठोकर बनाया जाए कि पानी का टकराव इस किनारे के बजाए दियारा की हो जाए तो संभव है इधर कृषि भूमि का नुकसान टल जाए।
इन किसानों की भूमि गंगा में समाहित
कटान के चलते गोवर्धन यादव का खेत बंसवार सहित गंगा में समाहित हो गया। वहीं मदन यादव, नथुनी यादव, संवरू यादव, प्रद्युम्मन यादव, विनोद राय, अवधेश तिवारी, रमेशर राय, चंद्रबलि राय, योगेंद्र राय, दीनानाथ राय, चुम्मन राय, कमला यादव, राधेश्याम राय, बजरंगी यादव, अजय राय, चंद्रबलि राय, दीनानाथ राय, भोला यादव, अमीरचंद यादव, प्रताप यादव, बूढ़ा यादव सहित काफी किसानों का 20 बीघा से अधिक कृषि भूमि गंगा में समाहित हो गयी।