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जखनियां के ग्राम न्यायालय में पहली बार लगी लोक अदालत

जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को प्रशासनिक न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी नोडल अधिकारी विष्णु चंद वैश्य रामसुध सिंह प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप-प्रज्वलित कर किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 08:47 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 08:47 PM (IST)
जखनियां के ग्राम न्यायालय में पहली बार लगी लोक अदालत
जखनियां के ग्राम न्यायालय में पहली बार लगी लोक अदालत

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को प्रशासनिक न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी, नोडल अधिकारी विष्णु चंद वैश्य, रामसुध सिंह, प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप-प्रज्वलित कर किया गया। इस बार नव स्थापित ग्राम न्यायालय, जखनियां में पहली बार लोक अदालत का आयोजन किया गया, हालांकि वहां किसी भी मुकदमे का निस्तारण नहीं हो पाया।

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लोक अदालत में न केवल मुकदमों का निस्तारण किया जाता है, बल्कि पक्षकारों के मध्य परस्पर वैमनस्यता भी समाप्त हो जाती है। इसमें कुल 49007 मामले निस्तारण हेतु नियत किए गए थे। इसमें से सुलह समझौते व संस्वीकृति के आधार पर कुल 38,258 वाद अंतिम रूप से निस्तारित किए गए। राजस्व विभाग के 1708 मामले, विभिन्न न्यायालयों द्वारा 6176 मामले तथा बैंक व अन्य विभाग द्वारा कुल 32082 मामले निस्तारित किये गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 8,03,10,340 रुपये की धनराशि के संबंध में आदेश पारित हुआ। दीवानी न्यायालय द्वारा कुल 3,63,38,870 रुपये के संबंध में आदेश पारित किया गया तथा राजस्व न्यायालयों व बैंक में कुल 4,39,71,470 रुपये के संबंध में सुलह-समझौता हुआ।

न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 60 वाद निस्तारित किये गए व कुल 1,33,95,000 रुपये की धनराशि के संबंध में आदेश पारित किया गया।

प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय द्वारा 65 वाद निस्तारित किये गए। जिसमें से दो मामलों में पति-पत्नी में सुलह कराकर उन्हें न्यायालय से एक साथ विदा किया गया। लोक अदालत से न्याय के क्षेत्र में क्रांति आई है और लोगों में विधिक जागरूकता भी बढ़ी है। जनपद न्यायालय में इस बार भी फौजदारी मामलों में सबसे अधिक निस्तारण मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शरद कुमार चौधरी द्वारा तथा दीवानी मामलों में सबसे अधिक निस्तारण सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग) स्वप्न आनंद द्वारा किया गया।


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