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नमूने की जांच के बाद लाइसेंस निरस्तकर भेजी जाती है नोटिस

जासं गाजीपुर जनपद में नकली कीटनाशक व उर्वरक बनाने की फैक्ट्री व बिक्री के बीते दिनों कोई मामले सामने नहीं आए बल्कि पंजीकृत दुकानों से अत्यधिक दामों किसानों को उपलब्ध कराने की शिकायत के अलावा प्रत्येक माह तहसील स्तर पर गठित टीमों द्वारा जांच की जाती है। साथ ही वहां से नमूने एकत्र करके जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है और रिपोर्ट में मिलावट की बात सामने आते ही लाइसेंस को निरस्त कर दिया जाता है। इसके बाद नोटिस भेजकर मुकदमा दर्ज कराने की भी प्रकिया पूर्ण की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 07:08 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 07:08 PM (IST)
नमूने की जांच के बाद लाइसेंस निरस्तकर भेजी जाती है नोटिस
नमूने की जांच के बाद लाइसेंस निरस्तकर भेजी जाती है नोटिस

जासं, गाजीपुर : नकली कीटनाशक व उर्वरक के खेल से जनपद अछूता नहीं है। हालांकि इसकी फैक्ट्री व बिक्री के बीते दिनों कोई मामले सामने नहीं आए। अलबत्ता पंजीकृत दुकानों से अत्यधिक दामों किसानों को उपलब्ध कराने की शिकायत के अलावा प्रत्येक माह तहसील स्तर पर गठित टीमों द्वारा जांच की जाती है। साथ ही वहां से नमूने एकत्र करके जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है और रिपोर्ट में मिलावट की बात सामने आते ही लाइसेंस को निरस्त कर दिया जाता है। इसके बाद नोटिस भेजकर मुकदमा दर्ज कराने की भी प्रकिया पूर्ण की जाती है।

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कृषि विभाग की ओर से जिले में 200 से ऊपर खाद-बीज व कीटनाशक दवाओं की बिक्री के लिए लाइसेंस का आवंटन किया गया है। प्रत्येक माह तहसील व जिला स्तर पर तैनात विभागीय अधिकारियों की टीम द्वारा प्रत्येक माह इन पंजीकृत दुकानों की जांच भी की जाती है। साथ ही दुकानदारों द्वारा तैयार किए गए रजिस्टरों को प्रमाणित करने के साथ उसका निरीक्षण भी किया जाता है। खासकर टीम की सक्रियता फसली माह शुरू होने के बाद अधिक बढ़ जाती है। यही नहीं किसानों द्वारा की गई शिकायत पर लाइसेंसी दुकानों से नमूना लेकर जांच के लिए भेजा जाता है। प्रशासनिक स्तर पर दुकानों का लाइसेंस निरस्त करना व नोटिस भेजने के अलावा मुकदमा भी कराया जाता है। इसके बाद मामला न्यायालय में जाने के बाद कम से कम 10 हजार व ज्यादा से ज्यादा 50 हजार तक जुर्माना लगता है। ऐसे दुकानदारों को पुन: लाइसेंस जारी नहीं किया जाता है। --------

नकली कीटनाशक या उर्वरक बनाने की फैक्ट्री जनपद में नहीं है। जिन दुकानों को लाइसेंस दिया गया है, उनकी हमेशा जांच होती है। साथ ही नमूना जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने का काम होता है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है।

- मृत्युंजय सिंह, कृषि अधिकारी


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