Move to Jagran APP

राजा दशरथ किए थे मंदिर की स्थापना

मरदह (गाजीपुर) : महाहर धाम परिसर में स्थित प्राचीन शिव मंदिर आस्था एवं विश्वास का केंद्र

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 10:04 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 10:04 PM (IST)
राजा दशरथ किए थे मंदिर की स्थापना
राजा दशरथ किए थे मंदिर की स्थापना

मरदह (गाजीपुर) : महाहर धाम परिसर में स्थित प्राचीन शिव मंदिर आस्था एवं विश्वास का केंद्र है। मान्यता यह है कि इस मंदिर की स्थापना त्रेता युग में चक्रवती सम्राट महाराजा दशरथ ने की थी। लोगों का कहना कि इस मंदिर में पूजा अर्चन करने से मन की मुराद पूरी होती है।

loksabha election banner

अयोध्या के राजा भगवान राम के पिता दशरथ द्वारा हिरण के भ्रम में माता-पिता के भक्त श्रवण कुमार को शब्द भेदी बाण मार देने की घटना का स्थल महाहर धाम के पास स्थित पोखरे को माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन दर्शन पूजन के लिए बलिया, मऊ, वाराणसी, आजमगढ़, वाराणसी सहित कई प्रांतों के श्रद्धालु महाहर धाम पर आते हैं। महाहर धाम पर महाशिवरात्रि पर्व पर मेला का आयोजन किया जाता है। यह मेला सप्ताह भर चलता है।

मंदिर पर पहुंचने का मार्ग

मरदह से महाहर धाम की दूरी पांच किमी है। निजी वाहन सहित सवारी आटो, जीप आदि से लोग मंदिर तक पहुंचते हैं। जिला मुख्यालय से महाहर धाम की दूरी 25 किमी है। जिला मुख्यालय से रोडवेज एवं रौजा स्टैंड से प्राइवेट बस आदि से बरही चट्टी या मरदह तक श्रद्धलु जाते हैं। बरही व मरदह से आटो आदि से महाहर धाम तक जाते हैं।

उपासना का विशेष महत्व

मंदिर के पुजारी गुलाब दास ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व के दिन सच्चे मन से व्रत रहने एवं भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान शिव का इस पर्व पर आराधना एवं व्रत रहने वाले भक्तों पर विशेष कृपा होती है। भक्तों का कोई कार्य बाधित नहीं होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.