जयप्रकाश नारायण ने देश को दी नई दिशा
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से संपूर्ण क्रांति के पुरोधा एवं राजनीतिक संत लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सोमवार को गोराबाजार पीजी कालेज स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से संपूर्ण क्रांति के पुरोधा एवं राजनीतिक संत लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सोमवार को गोराबाजार पीजी कालेज स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई। कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीपदान किया। इस दौरान सार्वजनिक जीवन में शूचिता, पवित्रता और नैतिकता को स्थापित करने का संकल्प लिया गया।
जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कहा कि जयप्रकाश जी एक राजनीतिक संत थे। उन्हें सत्ता से कभी मोह नहीं रहा। वह राजनीति को सेवा का माध्यम बनाना चाहते थे। राजनीति में राष्ट्रीयता की भावना और नैतिकता की स्थापना करना उनका लक्ष्य था। वह राजनीति में शूचिता और पवित्रता की निरंतर वकालत करते रहे। उन्होंने अपने विचारों, दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधी जी उनकी देशभक्ति और साहस से अत्यन्त प्रभावित थे। उनकी समस्त जीवन यात्रा संघर्ष तथा साधना से भरपूर रही। मरणोपरांत 1999 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 में मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत है। मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, परमानंद श्रीवास्तव, चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, शैल श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, कौशल श्रीवास्तव, आनंद श्रीवास्तव, कमल प्रकाश, संजय कुमार श्रीवास्तव आदि थे।