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किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहे छुट्टा पशु

जासं, दुल्लहपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के किसानों की कमाई की उम्मीदों पर छुट्टा पशु पानी फेर रहे हैं। आ

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 11:25 PM (IST)
किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहे छुट्टा पशु
किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहे छुट्टा पशु

जासं, दुल्लहपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के किसानों की कमाई की उम्मीदों पर छुट्टा पशु पानी फेर रहे हैं। आवश्कता से कम गौशाला के कारण फिर से किसानों के खेतों में छुट्टा पशुओं का झुंड दिखाई दे रहा है। इसको लेकर किसानों में चिता बनी हुई है। इससे परेशान किसान लाठी-डंडे के सहारे दिन-रात अपने खेतों की रखवाली करते रहते हैं।

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गौशाला में जगह नहीं मिलने तथा उचित खान-पान और रखरखाव के अभाव में छुट्टा पशुओं के लगातार मरने का सिलसिला जारी है। इससे वातावरण प्रदूषित होने के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गौरतलब है कि गोकशी पर प्रतिबंध लगने बाद ग्रामीण क्षेत्रों में छुट्टा पशुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। पशुओं को अभयदान तो मिल गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण चारा-पानी, स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में पशुओं की मौत हो जा रही है। डिल्ला, खड़ौरा, बड़ागांव, मड़रिया, भिखमपुर, सोम्मर बारी, खुदाबख्शपुर आदि गांव के लोगों ने क्षेत्रीय पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति की मांग की है। क्षेत्र में मात्र एक गौशाला जलालाबाद में है। जिसकी क्षमता 90 पशुओं के रखने की है। बावजूद इसके वहां 110 पशु रखे गए हैं। ग्राम प्रधान संतोष गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां तो क्षमता से अधिक पशु रखे गए हैं अब और पशुओं को रखना संभव नहीं है।


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