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हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती शुरू

जासं गाजीपुर हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर जहां प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है वहीं कार्यदायी संस्था की ओर से इन केंद्रों की ब्रांडिग का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके संचालन से ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से रक्तचाप मधुमेह सहित गंभीर बीमारियों की जांच करा सकेंगे। साथ ही उन्हें बेहतर उपचार की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 05:14 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 05:14 PM (IST)
हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती शुरू
हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती शुरू

जासं, गाजीपुर : हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर जहां प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है वहीं कार्यदायी संस्था की ओर से इन केंद्रों की ब्रांडिग का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके संचालन से ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से रक्तचाप, मधुमेह सहित गंभीर बीमारियों की जांच करा सकेंगे। साथ ही उन्हें बेहतर उपचार की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

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जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की नब्ज टटोलने करीब एक माह पूर्व आए एनएचएम मिशन निदेशक व चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव पंकज कुमार ने हेल्थ वेलनेस सेंटरों के संचालन को लेकर महकमे के उच्चाधिकारियों सहित चयनित उपकेंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड कर रहे कार्यदायी संस्था को कई दिशा निर्देश दिए थे। इसके बाद कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने जहां कार्य में तेजी लाया। वहीं प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती भी विभाग की ओर से शुरू कर दी गई है। इसके लिए 20 पीएचसी व उसके तहत आने वाले स्वास्थ्य उपकेंद्रों के ब्रांडिग का कार्य अंतिम प्रक्रिया में चल रहा है। हेल्थ वेलनेस सेंटरों के संचालन से गर्भावस्था व शिशु जन्म देखभाल, नवजात एवं शिशु देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक व अन्य प्रजनन सेवाएं, संचारी रोगों का प्रबंधन, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्लूकोज, मलेरिया स्लाइड की जांच की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही मैटरनल हेल्थ व डिलीवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, कांट्रासेप्टिव सुविधा व संक्रामक, गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान व गले से संबंधित बीमारियों का इलाज होगा। इसके अलावा गंभीर बीमारियों का लक्षण पता चलने के बाद मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा। यही नहीं यहां तैनात महिला स्टाफ अपने क्षेत्र के हर गांव में घर-घर जाकर परिवार के प्रत्येक सदस्य की स्वास्थ्य जांच करेंगी। साथ ही इनका डिजिटल फिजिकल रिकार्ड भी रखेंगी। डिजिटल रिकार्ड तैयार करने के लिए इन केंद्रों पर दो टैबलेट भी दिए जाएंगे। इस संबंध में सीएमओ डा. जीसी मौर्या ने बताया कि अपग्रेड हो रहे पीएचसी व स्वास्थ्य उपकेंद्रों की ब्रांडिग का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। जल्द ही इसका संचालन भी शुरू हो जाएगा।


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