गाजीपुर में आज वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि देंगे गवर्नर व सेनाध्यक्ष
अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर आज की राज्यपाल राम नाइक उनके गांव में होने वाले समारोह में श्रद्धांजलि देंगे। इसके साथ ही उनकी पत्नी रसूलन बीवी को भी सम्मानित किया जाएगा।
गाजीपुर (जेएनएन)। परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर आज राज्यपाल राम नाईक के साथ सेना प्रमुख बिपिन रावत उनके गांव जाकर श्रद्धांजलि देंगे। श्रद्धांजलि समारोह में तमाम नेताओं के साथ ही सेना के बड़े अधिकारियों के आने की संभावना है।
अमर शहीद वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर आज की राज्यपाल राम नाइक उनके गांव में होने वाले समारोह में उनको श्रद्धांजलि देंगे। इसके साथ ही उनकी पत्नी रसूलन बीवी को भी सम्मानित किया जाएगा। सेनाध्यक्ष बिपिन रावत भी आज उनके साथ गाजीपुर में वीर अब्दुल हमीद का नमन करेंगे। जनरल बिपिन रावत दिन में वाराणसी एयरपोर्ट पर आने के बाद वहां से गाजीपुर पहुंचेंगे। वह आज ही वाराणसी में भी कई कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाराणसी से रवाना होने के बाद आर्मी चीफ गाजीपुर पहुंचेंगे। जहां आर्मी चीफ देश के पहले परम वीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि देंगे। श्रद्धांजलि देने के बाद वीर अब्दुल हमीद के परिवार के लोगों से मुलाकात करेंगे। आर्मी चीफ सेवानिवृत सैनिकों से मुलाकात करेंगे।
वीर अब्दुल हमीद के पोते ने बताया कि बहुत ख़ुशी हो रही है कि, आज पहली बार कोई आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, दादाजी के 52वें शहादत दिवस पर सेना प्रमुख आ रहे हैं ये गर्व की बात है। साथ ही पोते ने बताया कि, जैसे ही आर्मी चीफ की पत्नी को पता चला की सेना प्रमुख अब्दुल हमीद के यहाँ जा रहे हैं, तो उन्होंने भी कहा कि, वे भी चलेंगी। उनके पोते ने बताया कि, गाजीपुर से देश की सेवा के लिए सबसे ज्यादा सैनिक निकलते हैं।
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यहाँ पर एक सैनिक स्कूल की जरुरत है, जिसके लिए सेना प्रमुख से कहेंगे। 52 साल के लम्बे इंतजार के बाद आख़िरकार सूबे के राज्यपाल और सेना प्रमुख उनके पैतृक गाँव पहुंचेंगे। जिसके बाद ऐसा कह सकते हैं कि, अब्दुल हमीद के परिवार के संरक्षक गौरव सिंह की कोशिशें रंग ला रही हैं।
वीर अब्दुल हमीद पाकिस्तान के खिलाफ 1965 की लड़ाई में आज ही के दिन शहीद हुए थे। परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद ने अपने पराक्रम से शहादत की कहानी लिख दी थी।
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जिन्होंने अकेले दम पर पाकिस्तान के पास रहे अमेरिका के 10 अभेद्य पैटन टैंकों को नेस्तोनाबूत कर दिया था। वीर अब्दुल हमीद ने 1965 की लड़ाई में ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसके किस्से आज भी बच्चों को सुनाये जाते हैं।
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1965 की लड़ाई में ही वीर अब्दुल हमीद वीरगति को प्राप्त हो गए थे। जिसके बाद अब्दुल हमीद को उनके अतुल्य पराक्रम के लिए परम वीर चक्र(मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था।