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निष्काम भाव की भक्ति से प्रसन्न होते हैं भगवान

जासं बहरियाबाद (गाजीपुर) स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग में वंदना गुप्ता ने कहा कि भक्त और भगवंत के बीच की कड़ी भक्ति होती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 07:47 PM (IST)
निष्काम भाव की भक्ति से प्रसन्न होते हैं भगवान
निष्काम भाव की भक्ति से प्रसन्न होते हैं भगवान

जासं, बहरियाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन पर रविवार को साप्ताहिक सत्संग में वंदना गुप्ता ने कहा कि भक्त और भगवंत के बीच की कड़ी भक्ति होती है। भक्ति गुरू की कृपा से ही प्रारंभ होती है। भक्ति समर्पण का नाम है। निष्काम एवं नि:स्वार्थ भाव से की गई भक्ति से ही भगवान प्रसन्न होते हैं। आगे कहा कि एक प्रभु को जानना, एक प्रभु को मानना और एक हो जाना ही वास्तविक भक्ति है। यही मानव का धर्म भी है। नर पूजा ही नारायण पूजा है। इसके पूर्व सत्संग का शुभारम्भ संपूर्ण अवतार वाणी एवं सम्पूर्ण हरदेव वाणी के काव्य पाठ से हुआ। ब्रांच प्रमुख अमित सहाय, जयराम सिंह, डा. केके सिंह, रामकृत, गामा कन्नौजिया, फूलेंद्र, नंदू, लाल बिहारी यादव आदि थे। संचालन घूरन प्रसाद ने किया।

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