दुख, लोभ व अज्ञानता से बाहर निकलने की प्रेरणा देती गीता
खानपुर (गाजीपुर) गोमती नदी तट पर गौरी गांव स्थित पर्णकुटी धाम पर शनिवार को गीता जयंती पर गीता पूजन कर विश्व के सबसे बड़े प्रतिष्ठित व सार्वभौमिक महाकाव्य के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
जासं, खानपुर (गाजीपुर) : गोमती नदी तट पर गौरी गांव स्थित पर्णकुटी धाम पर शनिवार को गीता जयंती पर गीता पूजन कर विश्व के सबसे बड़े प्रतिष्ठित व सार्वभौमिक महाकाव्य के महत्व पर प्रकाश डाला गया। महंत अरुनदास ने कहा कि गीता का मूल उद्देश्य ग्रंथ में दिए गए संदेश का पालन करते हुए हम सत्कर्म की राह पर आगे बढ़ें। गीता का ज्ञान हमें धैर्य, दुख, लोभ व अज्ञानता से बाहर निकालने की प्रेरणा देता है। गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं है बल्कि वह अपने आप में एक संपूर्ण जीवन है। मानव जीवन के सभी प्रश्नों का समुचित उत्तर है। गीता ग्रंथ हर स्त्री पुरुष को पुरुषार्थ व कर्तव्य के पालन की सीख देती है। वर्तमान में गीता की लोकप्रियता वैश्विक स्तर पर होने लगी है। विभिन्न भाषाओं में इसके अनुवाद से पूरी दुनिया में गीतोपदेश की स्वीकार्यता मानवता के उद्धारक, कल्याणकारी ग्रंथ के रूप में होने लगी है। अब गीता जयंती के उत्सव में विभिन्न धर्मों के लोग भी बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। जय प्रकाश सिंह, सुनील चौबे, विजयी सिंह, प्रभाकर चौबे, संजीव सिंह, दीपक कुमार, मन्नू सिंह, भवानी, सीएल सिंह, संदीप कुमार आदि थे।