Ghazipur News: ‘प्यार का अंजाम किसने सोचा…’ प्रेमिका से मिलने आए प्रेमी को ग्रामीणों ने पकड़ लगवा दिए सात फेरे
युवक गाजीपुर के कासिमाबाद के गांव गंगौली का रहने वाला रोहित राजभर है जिसका प्रेम प्रसंग चावनपुर कोढ़र गांव की आरती राजभर से चल रहा था। प्रेम प्रसंग के बीच रोहित बीते शनिवार की रात आरती के घर पहुंच गया।
गाजीपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक युवक ने यह सोचा भी नहीं होगा उसकी प्रेम कहानी ऐसा भी मोड़ आएगा, जहां उसकी शादी उसकी ही प्रेमिका के साथ बिना किसी तैयारी के ही करवा दी जाएगी और वह भी तब, जब वह प्रेमिका से मिलने के लिए छिपकर पहुंचा हो।
दरअसल, यह युवक गाजीपुर के कासिमाबाद के गांव गंगौली का रहने वाला रोहित राजभर है, जिसका प्रेम प्रसंग चावनपुर कोढ़र गांव की आरती राजभर से चल रहा था। प्रेम प्रसंग के बीच रोहित बीते शनिवार की रात आरती के घर पहुंच गया। इसी बीच ग्रामीणों ने दोनों को एकांत में देख लिया तो हंगामा हो गया।
कोतवाली के शिव मंदिर में हुआ विवाह
प्रेमी युगल का इस तरह पकड़े जाने पर गांव वालों ने दोनों बिठा लिया और तमाम लोग इकट्ठा हो गए। इसके बाद अगले दिन सुबह पंचायत चली और समाजसेवी छेदी यादव के नेतृत्व में निर्णय लिया गया कि दोनों को विवाह करा दिया जाए।
इसके बाद सभी गांव वाले राजी हो प्रेमी युगल को लेकर कोतवाली पहुंच गए। रोहित के परिजनों को भी सूचित कर मौके पर बुला लिया गया। यहां शिव मंदिर में दोनों की शादी करवा दी गई और रोहित अपनी प्रेमिका आरती की विदाई करवा स्वजनों के साथ अपने घर ले गया।
रेलवे स्टेशन पर बच्चियों ने मामा के लिए खड़ी कर दी आफत, लोगों ने बच्चा चोर समझ लिया
जमानिया। भांजियों को ट्रेन से ननिहाल लेकर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मामा को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब भांजियों के रोने की आवाज सुन यात्रियों ने मामा को बच्चा चोर समझ आरपीएफ को सुपुर्द कर दिया। हालांकि आरपीएफ ने बच्चियों के स्वजन के आने के बाद जांच कर छोड़ दिया।
लोगों ने बच्चा चोर समझ घेरा
जानकारी के मुताबिक, जीवपुर निवासी भांजी ताशी व रिया अपने मामा धर्मेंद्र चौधरी के साथ बिहार के भोजपुर जनपद के सहियार ननिहाल जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी। कुछ देर बाद अचानक दोनों रोने लगीं।
स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने बच्चा चोर समझ मामा को घेर लिया और बच्चियों को छोड़ने के लिए कहने लगे। यात्रियों की सूचना पर आरपीएफ के आरक्षी हरिशंकर सिंह पहुंच गए और बच्चियों से बात कर पिता संतोष कुमार को बुलाया। पिता ने दोनों पुत्रियों को मामा संग ननिहाल जाने की बात बताई। इसके बाद आरपीएफ ने मामा को छोड़ दिया।