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पीछे हटे मछली माफिया, कटेगा जाल

किसानों की एकजुटता के आगे अंतत मछली माफियाओं को पीछे हटना पड़ा और बलिया के दौलतपुर स्थित मगई नदी में लगे जाल को काटने की कार्रवाई शुरू हो गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 06:50 PM (IST)
पीछे हटे मछली माफिया, कटेगा जाल
पीछे हटे मछली माफिया, कटेगा जाल

जागरण संवाददाता, लौवाडीह (गाजीपुर) : किसानों की एकजुटता के आगे अंतत: मछली माफियाओं को पीछे हटना पड़ा और बलिया के दौलतपुर स्थित मगई नदी में लगे जाल को काटने की कार्रवाई शुरू हो गई। हालांकि मामले में बलिया प्रशासन किसानों के बजाए मछली माफिया की पैरवी करने में लगा हुआ था।

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दौलतपुर मगई नदी में जाल डाल देने से करइल क्षेत्र की 15 हजार बीघे की खेती प्रभावित हो गई थी। इससे 20 हजार किसानों की रोजी रोटी पर संकट आ गया था। किसान बार-बार जाल कटवाने की मांग को प्रशासन से कर रहे थे। इससे आक्रोशित किसानों ने बेमियादी अनशन का निर्णय लिया तो जनप्रतिनिधियों के होश उड़ गए। बलिया सांसद विरेंद्र सिंह मस्त और मुहम्मदाबाद विधायक अलका राय ने मामले में हस्तक्षेप किया। गुरुवार को भाजपा मंडल अध्यक्ष भांवरकोल शशांक शेखर राय के नेतृत्व में सैकड़ों किसान दौलतपुर पहुंच गए। यहां मछली माफिया सहित बलिया के नायब तहसीलदार अजय सिंह भी पहुंचे। किसानों ने आरोप लगाया कि वे उनकी न सुनकर मछली माफिया की पैरवी करने लगे। तीन सौ किसानों के पहुंचे का मामला बढ़ने लगा। अंत में प्रशासन और मछली माफिया को पीछे हटना पड़ा और जाल कटवाना शुरू किया। एसडीएम सदर बलिया जुनैद अहमद, सीओ बलिया अशोक चंद्र तिवारी, कनिष्ठ अभियंता बाढ़ मोहित गुप्ता, अवर अभियंता रिजवान अहमद, आदि रहे। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

: मछली मारने के लिए लगे जाल के कारण मंगई नदी का प्रवाह काफी प्रभावित हो गया है। पानी मैदानी इलाकों में जमा हो गया है। दैनिक जागरण ने किसानों के साथ इस समस्या को लगातार उठाया। इससे प्रशासन हरकत में तो आया, लेकिन खानापूर्ति करके चला गया था। बेबस नजर आए बाढ़ अधिकारी भी

: किसान जब दौलतपुर पहुंचे तो वहां का प्रशासन ने उनका तनिक भी साथ नहीं दिया। बाढ़ अधिकारी भी कार्रवाई करने में बेबस नजर आए। माफिया प्रशासन के सामने गोली चलाने की बात करने लगे और प्रशासन पूरी तरह से लाचार था। इतना ही नहीं, नायब तहसीलदार बलिया सदर अजय सिंह यहां तक कह दिया कि नदी में मछली मारने का अधिकार सबको है।

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चार वर्षों से है यह समस्या

: मंगई नदी से जलभराव की समस्या चार वर्षों से है। इसकी शुरुआत महेंद से हुई जब नदी में ही कंक्रीट टीनशेड और बोरी में बालू भरकर दीवार खड़ी कर दी जाती थी, लेकिन क्षेत्र के किसानों दैनिक जागरण और प्रशासन की कार्रवाई से वहां जाल लगना बंद हो गया। अब गाजीपुर के सोनवानी और बलिया के दौलतपुर में ऐसे जाल लग रहे हैं। मंगई नदी के पानी ने लौवाडीह, जोगामुसाहिब, मूर्तजीपुर, खेमपुर, रघुवरगंज, परसा, सियाड़ी, मसौनी, देवरिया, करीमुद्दीनपुर, लट्ठूडीह, गोंड़उर, महेंद, पारो, सरदरपुर सहित कई गांव की धान की फसल चौपट हो गई है।


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