हिदी साहित्य में स्त्री मुक्ति की प्रथम सशक्त आवाज
जासं गाजीपुर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिदी विभाग में मंगलवार को अभिव्यक्ति कौशल एवं शोध अभिरुचि की अभिवृद्धि के उद्देश्य से एक दिवसीय छात्र सेमिनार श्रृंखला का शुभारंभ हुआ। Þस्त्री पराधीनता की बेड़ियों को तोड़ती श्रृंखला की कड़ियां विषय पर एमए की छात्रा रेनू यादव ने शोध पत्र का वाचन किया। कहा कि हिदी साहित्य में स्त्री मुक्ति की प्रथम सशक्त आवाज है।
जासं, गाजीपुर : राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिदी विभाग में मंगलवार को अभिव्यक्ति कौशल एवं शोध अभिरुचि की अभिवृद्धि के उद्देश्य से एक दिवसीय छात्र सेमिनार श्रृंखला का शुभारंभ हुआ। स्त्री पराधीनता की बेड़ियों को तोड़ती : श्रृंखला की कड़ियां विषय पर एमए की छात्रा रेनू यादव ने शोध पत्र का वाचन किया। कहा कि हिदी साहित्य में स्त्री मुक्ति की प्रथम सशक्त आवाज है। महादेवी वर्मा की कृति श्रृंखला की कड़ियां इस संग्रह में संग्रहित प्रत्येक निबंध स्त्री मुक्त का दस्तावेज है। युद्ध और नारी निबंध भारतीय जनमानस में बैठे पूर्वाग्रह को तोड़ने का प्रयास है। महादेवी ने इस निबंध में बताया है कि युद्ध की विभीषिका सबसे अधिक नारी को प्रभावित करती है। इस पूरे संग्रह में स्त्री पराधीन का श्रृंखलाबद्ध इतिहास प्रस्तुत है। पराधीनता से मुक्ति तभी मिल सकती है जब उस व्यक्ति को अपनी पराधीनता का बोध हो जाए। श्रृंखला की कड़ियां पराधीनता बोध कराने वाली हिदी साहित्य में एक मुकम्मल पुस्तक है। संगोष्ठी के दूसरे सत्र प्रश्नोत्तरी में छात्राओं के प्रश्न के उत्तर विभागाध्यक्ष डा. संगीता मौर्य, डा. शशि कला एवं डा. निरंजन कुमार यादव ने दिया। संचालन डॉक्टर निरंजन कुमार यादव ने किया। विभाग के शोध छात्र रमेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।