फाइलों के अदान- प्रदान में फंसी घोटाले की जांच
जखनियां के मुड़ियारी गांव में शौचालय निर्माण सहित वित्तीय वर्ष-2015 से अब तक कराए गए विकास कार्यों में हुए लाखों रुपये के बंदरबांट के आरोप की जांच दो विभागों (डीपीआरओ व कोआपरेटिव) की बीच फंसी हुई है। जिलाधिकारी द्वारा नामित जांच अधिकारी को संबंधित विभाग द्वारा एक माह बाद भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया है। वहीं शिकायतकर्ता व ग्रामीण घोटाले की जांच व कार्रवाई की आस लगाए दोनों विभागों के चक्कर काटने को विवश हैं।
जासं, गाजीपुर : जखनियां के मुड़ियारी गांव में शौचालय निर्माण सहित वित्तीय वर्ष-2015 से अब तक कराए गए विकास कार्यों में हुए लाखों रुपये के बंदरबांट के आरोप की जांच दो विभागों (डीपीआरओ व कोआपरेटिव) की बीच फंसी हुई है। जिलाधिकारी द्वारा नामित जांच अधिकारी को संबंधित विभाग द्वारा एक माह बाद भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया है। वहीं शिकायतकर्ता व ग्रामीण घोटाले की जांच व कार्रवाई की आस लगाए दोनों विभागों के चक्कर काटने को विवश हैं।
बीते नवंबर माह में ग्रामीणों ने डीएम को शपथ पत्र देकर गांव में 10 वर्ष पूर्व बने 62 शौचालयों की रंगाई-पोताई कराकर धनराशि उतराने का आरोप लगाया था। इस पर उन्होंने बीते तीन दिसंबर को एआर कोआपरेटिव डा. प्रदीप कुमार ¨सह के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया। नामित जांच अधिकारी द्वारा जिला पंचायत राज विभाग की ओर से शौचालय निर्माण की सूची व पात्रों को भेजी गई धनराशि संबंधित अभिलेख मांगा था, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया। ग्रामीणों ने फिर शपथ पत्र के माध्यम से गांव में वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2018-19 में हुए 17 विकास कार्यों की धनराशि में बड़े पैमाने पर गोलमाल का आरोप लगाया था। जिलाधिकारी द्वारा बीते 15 दिसंबर को फिर यह जांच एआर कोआपरेटिव को सौंपने के साथ रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। जांच अधिकारी द्वारा वित्तीय वर्ष के मुताबिक कार्यों की सभी फाइल मांगी गई, लेकिन विभाग की ओर से उपलब्ध नहीं कराया गया।
-------- संबंधित विभाग द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने के चलते जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, जबकि दोनों जांच को पूर्ण करने के लिए कई बार फाइलों को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया।- डा. प्रदीप कुमार, एआर कोआपरेटिव --------
ब्लाक से दोनों जांचों के अभिलेख मंगाए गए है। 21 जनवरी को सभी फाइल जांच अधिकारी को सौंप दी जाएंगी।- लालजी दुबे, डीपीआरओ