पिता ने ही की थी पुत्री और उसके प्रेमी की गोली मारकर हत्या
जागरण संवाददाता गाजीपुर खानपुर थाना क्षेत्र के बभनौली निवासी सिपाही अजय यादव और इचवल निवासी सोनाली की हत्या सोनाली के पिता ने की थी।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : खानपुर थाना क्षेत्र के बभनौली निवासी सिपाही अजय यादव और इचवल निवासी सोनाली सिंह के हत्याकांड का खानपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को राजफाश कर दिया। इनकी हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि सोनाली के पिता राजेश सिंह ने की थी। पहले उसने अपनी पुत्री और उसके बाद अजय यादव को गोली मारकर मौत के घाट उतारा। दोनों का प्रेम संबंध व कोर्ट मैरिज पिता को कतई गंवारा नहीं था। दोनों को समझाने पर जब वे नहीं माने तो हत्या कर दी। पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह ने पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया।
उन्होंने बताया कि खानपुर थाना क्षेत्र के रामपुर में 22 फरवरी की सुबह सड़क के किनारे बभनौली निवासी अमेठी जिले के गौरीगंज थाना में सिपाही के पद पर तैनात अजय यादव घायलावस्था में मिला था। उसके सिर में गोली लगी थी। उसके एक हाथ में पिस्टल था और दूसरा पिस्टल उसके पैर के पास पड़ा था। अजय के पैर में चप्पल नहीं था। इस घटना के दूसरे दिन इसी गांव से सटे इचवल गांव निवासी राजेश सिंह के मकान के पीछे खेत में युवती का शव मिला था, उसे भी गोली मारी गई थी। शव के पास से मृतक सिपाही अजय यादव का चप्पल भी बरामद हुआ था। शव को कब्जे में लेकर पुलिस जांच-पड़ताल में जुट गई थी। इसी क्रम में युवती के पिता राजेश सिंह, अंकित सिंह उर्फ सोनू, दीपक सिंह, अवधरवाज सिंह राजेश सिंह की पत्नी नीलम सिंह को गिरफ्तार किया गया। दो पिस्टल, एक कारतूस, एक जोड़ी चप्पल, मृतक और मृतका का मोबाइल फोन और एक बाइक बरामद किया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पिता राजेश सिंह से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने डबल मर्डर का राज खोला। बताया कि करीब एक माह पहले मेरी पत्नी नीलम सिंह और लड़के दीपक सिंह से पता चला कि बेटी सोनाली सिंह और बभनौली निवासी अजय यादव के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा है। दोनों ने दो वर्ष पहले कोर्ट मैरिज कर लिया है। मैंने सानिया को काफी समझा, लेकिन वह नहीं मानीं। 15 फरवरी को पता चला कि अजय यादव छुट्टी पर घर है, तो मेरे पूरे परिवार ने बैठकर योजना बनाई। तय हुआ कि लड़के को घर बुलाकर समझाया जाएगा। यदि मान गया तो ठीक, वरना जान से मार दिया जाएगा। इसके बाद 22 फरवरी को बेटी से मोबाइल से मैसेज कराया कि मिलने आ जाओ। इसी बीच मैंने सोनाली को फिर समझाया, लेकिन वह कुछ मानने को तैयार नहीं थी। इससे गुस्से में आकर मैंने उसे अवैध असलहा से गोली मार दी। कुछ देर बाद अजय भी हमारे घर पहुंचा। उसे भी समझाने की कोशिश की, लेकिन वह ऊंची आवाज में बात करने लगा। इस पर तय हुआ कि कहीं एकांत जगह पर चलकर बात करते हैं।
हम लोग अजय को लेकर रामपुर गांव के अंबिका स्कूल के पास पहुंचे और एक बार फिर समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना। इस पर उसे भी गोली मार दी। बेटी का मोबाइल, जो मेरे पास था उसे अजय की जेब में डालने के साथ ही एक पिस्टल उसके हाथ में और दूसरा उसके पैर के पास रख दिया। राजेश ने बताया सुबह मैंने आसपास में इस बात का शोर मचा दिया कि सोनाली बिना बताए घर से कहीं चली गई है। पकड़े जाने के भय से बेटी के शव को घर से सटे खेत में फेंक दिया था।