गिरते जलस्तर पर चिता, संचयन पर जोर
नंदगंज (गाजीपुर) नंदगंज बुद्धिजीवी मंच की ओर से मंगलवार को बाजार स्थित साई मंदिर पर आयोजित बैठक में जलभूमि के गिरते स्तर पर चिता व्यक्त करते हुए जल संचयन पर जोर दिया गया। इस मौके पर सभी लोगों का मानना था कि जल ही जीवन है और जल है तो कल है।
जासं, नंदगंज (गाजीपुर): नंदगंज बुद्धिजीवी मंच की ओर से मंगलवार को बाजार स्थित साई मंदिर पर आयोजित बैठक में जलभूमि के गिरते स्तर पर चिता व्यक्त करते हुए जल संचयन पर जोर दिया गया। इस मौके पर सभी लोगों का मानना था कि जल ही जीवन है और जल है तो कल है। जल स्त्रोतों को बचाने का संकल्प भी लिया गया।
वक्ताओं ने कहा कि दुनिया में पानी का उपयोग घर, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में अत्यधिक किया जाने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अत्यधिक बोरवेल स्थापित हो जाने से मिट्टी के अंदर का जल स्तर कम होने लगा है। इसी कारण से लगभग सभी कुएं सूख गये और अधिकांश हैंडपंप धीरे-धीरे बेकार हो रहे हैं। ऐसे में पानी को संरक्षित यानि जल संरक्षण के विषय में हमें जल्द से जल्द सोचना होगा, तभी हमारा जीवन बच सकता है। आज न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी क्षेत्रों में कई बड़े-बड़े कल कारखानों में पानी का उपयोग बड़ी मात्रा में होने के कारण दिन प्रतिदिन पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। ऐसे में घरेलू और व्यवसायिक उपयोग के लिए जल संचयन के अनेक उपायों में वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे आसान तरीका माना जाता है। ईश्वर की कृपा से प्रतिवर्ष थोड़ी बहुत वर्षा हर क्षेत्र में होती रहती है। ऐसे में हमें कुछ चीजों का ध्यान रखते हुए जल संचयन प्रक्रियाओं के माध्यम से हम वर्षा जल को संरक्षित करके रख सकते हैं। इस पर हम सभी को गंभीरता से सोचना होगा। तभी हम भूमि के गिरते जलस्तर पर काबू पा सकते हैं। इस मौके पर मुकेश श्रीवास्तव, सबलू सिंह, प्यारेलाल कुशवाहा, हेमंत बरनवाल, बब्लू वर्मा, सभाजीत चौबे, मो. खालिद, विनय जायसवाल आदि थे। अध्यक्षता पूर्व एसडीएम अमीरचंद्र गुप्ता व संचालन वेदप्रकाश पांडेय ने किया।