मेला आयोजित न होने से मिट्टी के मूर्तिकारों में मायूसी
जागरण संवाददाता खानपुर (गाजीपुर) इस वर्ष दशहरा मेला और दुर्गापूजा मेला का आयोजन न होने
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : इस वर्ष दशहरा मेला और दुर्गापूजा मेला का आयोजन न होने से मूर्तिकारों सहित मिट्टी के खिलौने और मूर्ति बनाने वालों में निराशा और उदासी है। दशहरा और दुर्गापूजा में मिट्टी का खिलौनों का बड़ा बाजार लगता है। मिट्टी के मूर्तिकारों और विक्रेताओं को इन मेलों में भारी आमदनी हो जाती रही है। इन कुम्हार परिवार की युवतियां और महिलाएं भी इन मेलों में बड़ी संख्या में शामिल होकर इन मूर्तियों और खिलौनों का व्यवसाय करती हैं।
प्रशासन और पुलिस के निर्देशानुसार सभी रामलीला और दुर्गापूजा समितियों ने किसी भी प्रकार के मेला का आयोजन करने से मना कर दिया है। पोखरीपुर के मिट्टी कलाकार अभिषेक प्रजापति बताते हैं कि मिट्टी के मूर्तियों और खिलौनों का कोई स्थायी दुकान या बाजार नहीं लगता है। ग्रामीण इलाकों में इन मेलों के माध्यम से ही मिट्टी के खिलौनों का व्यवसाय चलता है। इन खिलौनों के माध्यम से घर की सजावट और बच्चों को ज्ञानवर्धक संदेश के साथ जीव-जंतुओं से प्यार करना भी सिखाया जाता है।
इशोपुर के पंचदेव प्रजापति बताते हैं कि दुर्गापूजन के लिए हर साल दर्जनों मूर्ति का ऑर्डर मिलता था। इस वर्ष पंडाल पूजन का आयोजन नहीं होने से कई दुर्गा मूर्तियों का ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया और कई लोगों ने मूर्ति लेने से इंकार कर दिया जिससें इस साल मूर्तियों की कमाई पूरी तरह से ठप पड़ गई।