उतरने लगा बाढ़ का पानी, फसलें बर्बाद
जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर) : करीब दो साल बाद कर्मनाशा के तट पर स्थित कुतुबपुर गा
जागरण संवाददाता, बारा (गाजीपुर) : करीब दो साल बाद कर्मनाशा के तट पर स्थित कुतुबपुर गांव के किसानों को बाढ़ ने एक बार फिर गहरा जख्म दिया है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित गांव के खेतों का हाल देख किसानों का कलेजा बैठ गया है। लहलहाते खेत में खड़ी धान और सब्जी की फसल सड़ कर बर्बाद होने से किसानों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है। राजस्व कर्मियों की बेरुखी उनको और बेचैन किए है।
बिहार सीमा पर स्थित सेवराईं तहसील क्षेत्र के गांव कुतुबपुर में बसे किसान कर्मनाशा के रौद्र रूप का सामना करने के बाद अब बाढ़ के पानी से हुई बर्बादी का दंश झेलने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। खेतों में अभी भी पानी भरा है। पूरी तरह से फसल बर्बाद देख उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। फसल बर्बाद होने के बाद लोगों का जीवन कैसे चलेगा इसकी ¨चता सता रही है। जबकि उन्हें राहत देने वाला राजस्व विभाग निश्चित है। कई बीघे धान की फसल में अभी भी बाढ़ का पानी लगा है। सरकार कह तो रही है कि बाढ़ पीड़ितों को मदद मिलेगी लेकिन कब, इसका कुछ पता नहीं। जयप्रकाश राय के करीब डेढ़ बीघे फसल बोई, बाढ़ में सब बर्बाद हो गई। पूंजी भी डूब गया। हजारों रुपये का नुकसान हो चुका है। तहसील से भी अब कोई पूछने नहीं आता। काशीनाथ का डेढ़ बीघा फसल बर्बाद हो गया। गिरधारी के घर में खाने का संकट है और खेत इस लायक नहीं कि उससे कुछ उम्मीद की जा सके।
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- सर्वे कराने के बाद जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है उसके बारे में शासन को अवगत कराया जाएगा। शासन से सहायता राशि मिलने पर किसानों को दी जाएगी।
- मुहम्मद कमर, उपजिलाधिकारी सेवराईं