Move to Jagran APP

चकरोड की पैमाइश को प्रार्थना पत्र देने पर दबंगों ने दलित युवक को पीटा

गदाईपुर गांव में शनिवार की सुबह चकरोड की पैमाइश के लिए तहसील दिवस पर दिए गए प्रार्थना पत्र में हस्ताक्षर करने पर दबंगों ने दलित युवक की पिटाई कर दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 10:01 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 10:01 PM (IST)
चकरोड की पैमाइश को प्रार्थना पत्र देने पर दबंगों ने दलित युवक को पीटा
चकरोड की पैमाइश को प्रार्थना पत्र देने पर दबंगों ने दलित युवक को पीटा

जागरण संवाददाता, बहरियाबाद (गाजीपुर) : स्थानीय थाना क्षेत्र के गदाईपुर गांव में शनिवार की सुबह चकरोड की पैमाइश के लिए तहसील दिवस पर दिए गए प्रार्थना पत्र में हस्ताक्षर करने पर दबंगों ने दलित युवक की पिटाई कर दी। इससे आक्रोशित दलित बस्ती के लोग बड़ी संख्या में थाने पर पहुंचे और तहरीर दी। पुलिस मुकदमा कर जांच-पड़ताल कर रही है।

loksabha election banner

हाल ही में चकरोड की पैमाइश को लेकर गांव के लोगों ने तहसील दिवस पर प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें दलित युवक राहुल राम ने भी हस्ताक्षर किया था। इसी बात को लेकर गांव के प्रदीप सिंह पुत्र रामनरेश सिंह, जयचंद सिंह व अरुण सिंह, सिद्धार्थ सिंह, सुरेंद्र सिंह, चंदन सिंह राहुल के घर पहुंचे और पूछा कि पैमाइश के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र पर तुमने हस्ताक्षर किया है? जवाब हां में मिलने पर दबंगों ने दलित युवक को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज देते हुए जमकर पिटाई कर दी। बचाने गई युवक की मां फूला देवी के साथ भी दबंगों ने दु‌र्व्यवहार किया। थानाध्यक्ष रामनेवास ने बताया कि फूला देवी की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। नशे के आगोश में युवा पीढ़ी

जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : तंबाकू और गुटखे के सेवन से होने वाली बीमारियों से बेखबर युवा पीढ़ी धीरे-धीरे गांजा के लत की आगोश में समाती चली जा रही है। बाजारों और गांवों में बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी के लोग गांजे के नशे का शिकार हो रहे हैं। सिधौना और फरीदहा के रेलवे हाल्ट सहित क्षेत्र के दर्जनभर बाजारों में निर्धारित स्थलों पर सुबह से रात तक गांजे की कश लगाने वालों की चौपाल जमी रहती है। कोरोना काल के लाकडाउन में बड़े पैमाने पर बाहरी शहरी श्रमिकों के आगमन के बाद से ग्रामीण इलाकों में गांजे की खपत बहुत बढ़ गई है। लाकडाउन में सुर्ति, बीड़ी, सिगरेट और पान, तम्बाकू नहीं मिलने से लोग अपने नशापूर्ति के लिए गांजे की ओर आकर्षित होते गए। देहातों में आसानी से उपलब्ध हो जाने वाले गांजा से लोग अपनी नशा की पूर्ति करने लगे। चट्टी चौराहों के पान की दुकानों पर और सप्लायरों द्वारा गांव-गांव आसानी से सुलभ कराए जाने से गांजा ने कम समय में बड़ी तेजी से युवाओं में अपनी पैठ बना ली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.