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करइल में 10 हजार बीघे खेतों की बोआई पर संकट

जागरण संवाददाता लौवाडीह (गाजीपुर) करइल इलाके में मगई नदी के पानी का घटाव कम नहीं ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 10:18 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:01 AM (IST)
करइल में 10 हजार बीघे खेतों की बोआई पर संकट
करइल में 10 हजार बीघे खेतों की बोआई पर संकट

जागरण संवाददाता, लौवाडीह (गाजीपुर) : करइल इलाके में मगई नदी के पानी का घटाव कम नहीं हो रही है। जगह-जगह जाल, बांस व बल्ली लगाकर मछुआरों ने नदी के पानी का बहाव रोक दिया है। धान की फसल चौपट हो गई है। अब तक खेतों में पानी लगा है। ऐसे में रबी फसल की बोआई पर संकट गहराने लगा है। अधिकारी किसी के दबाव में मछुआरों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में किसी दिन मामला तूल पकड़ सकता है।

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लौवाडीह, जोगामुसाहिब, परसा, राजापुर, करीमुद्दीनपुर, खेमपुर, सिलाइच, मूर्तजीपुर, जोगामुसाहिब, रेडमार, रघुवरगंज, देवरिया, मसौनी, गोंड़उर सहित कई गांव की लगभग 10 हजार बीघे खेत जलमग्न है। धान की फसल नष्ट हो गई है। रबी की बोआई भी अब मुश्किल लग रही है। सबसे बड़ी बात है कि प्रशासन भी ढुलमुल रवैया अपना रहा है। जाल हटाने के लिए कार्रवाई नहीं कर रहा है। किसान किसी तरह जाल हटवा रहे हैं लेकिन इस प्रक्रिया में शहाबुद्दीनपुर में जाल हटवाते समय मछुवारों ने किसानों की नाव तोड़ दी थी और उन पर ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया था।। मत्स्य विभाग द्वारा मुकदमा भी दर्ज कराया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन भी किसी दबाव के कारण कड़ी कार्रवाई करने से बच रहा है। लठ्ठूडीह, जोगामुसाहिब व शहबुद्दीनपुर में जाल लगा है लेकिन प्रशासन द्वारा उसे हटवाया नहीं जा रहा है अकेले किसान जाकर जाल कटवा रहे हैं। ऐसे में मामला तूल पकड़ सकता है। इस क्षेत्र का एक बड़ा भाग मगई नदी के किनारे पड़ता है जो काफी उपजाऊ है। बीते तीन वर्षों से शारदा नहर का पानी छोड़े जाने और मछुआरों द्वारा जाल लगाए जाने से खरीफ की फसल नष्ट हो जाती है और रबी फसल की बोआई नहीं हो पा रही जिससे किसानों की कमर टूट गई है।

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होगी सख्त कार्रवाई

मगई नदी से बांस व जाल हटवाने का लगातार प्रयास हो रहा है। मछुआरों को कई बार चेतावनी दी गई है। अब उन्हें चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - राजेश गुप्ता, एसडीएम।


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