नारी विकास के लिए पुरुषवादी सोच में परिवर्तन की जरूरत
गाजीपुर लंका मैदान स्थित मैरिजहाल में जीवनोदय शिक्षा समिति की ओर से हुए दो दिवसीय अंतर राष्ट्रीय सेमिनार का रविवार को समापन हो गया। इस मौके पर नारी अभिव्यक्ति के विविध आयाम प्रकृति और प्रस्तुति विषयक संगोष्ठी में दूर-दराज से आए बुद्धिजीवियों ने अपने-अपने विचार रखे। साथ ही संगोष्ठी स्थल पर पुस्तक मेला एवं लो
जासं, गाजीपुर : लंका मैदान स्थित मैरेजहाल में जीवनोदय शिक्षा समिति की ओर से हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार रविवार को संपन्न हो गया। इस मौके पर 'नारी अभिव्यक्ति के विविध आयाम : प्रकृति और प्रस्तुति' विषयक संगोष्ठी में दूर-दराज से आए बुद्धिजीवियों ने अपने विचार रखे। साथ ही संगोष्ठी स्थल पर पुस्तक मेला एवं लोक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।
दूसरे दिन प्रथम सत्र के प्रारंभ में अमेरिका से आए माइकल बोनेलाक ने हिदी एवं संस्कृत भजनों की प्रस्तुति और वायलिन वादन कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जयशंकर सिंह ने नारी विकास के लिए उनकी शिक्षा पर बल दिया और पुरुषवादी सोच में परिवर्तन लाने पर जोर दिया। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्था की निर्मला दीदी ने नारी अध्यात्मिक पक्षों के उजागर किया। डा. बालेश्वर विक्रम ने नारी को अपराजिता बताते हुए इसी संदर्भ में नारी की चर्चा की। माधव कृष्ण ने नारी चरित्र के विभिन्न चित्रों को प्रस्तुत करते हुए उसकी अभिव्यक्ति को वैदिक युग से लेकर आज के युग तक का विश्लेषण प्रस्तुत किया। डा. संतोष कुमार सिंह ने सिनेमा में नारी की चर्चा करते हुए प्रेमचंद के उपन्यास गबन, निर्मला एवं सेवासदन के नारी की चर्चा की। इस दौरान सुशांत यादव, सलोनी यादव, अजीत कुमार, अमनदीप, राकेश वर्मा छत्रसाल सिंह, सिमरन कौर, धर्मेंद्र कुमार, वैशाली, अवंतिका सिंह आदि ने अपने विचार रखे। अंत में रेखा तिवारी ने भोजपुरी गीत गाकर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर डा. जितेंद्र राय, मनोज कुमार, मनीष कुमार, काजी फरीद आलम, अमित कुमार, प्रद्युम्न यादव, श्रवण कुमार, अमन मिश्र, विशाल सिंह आदि थे। अध्यक्षता डा.समर बहादुर सिंह एवं संचालन धनंजय सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. रामनारायण तिवारी एवं आभार अनिल कुमार शर्मा ने किया।