गाजीपुर में चकबंदी लेखपाल रिश्वत लेते रंगे हाथ धराया, वाराणसी एंटी करप्शन की टीम ने किया गिरफ्तार
गाजीपुर जिले में शिकायत मिलने के बाद एन्टी करप्शन की टीम ने जाल बिछाया तो लेखपाल रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले की जानकारी होते ही थाने में विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई।
गाजीपुर, जागरण संवाददाता। वाराणसी की एंटी करप्शन की टीम ने गुरुवार को चंकबदी के लेखपाल सूरज सिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद उसे कोतवाली लेकर आवश्यक धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया गया। एंटी करप्शन की टीम की इस कार्रवाई से मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
बहरियाबाद के बबुरा निवासी विनय कुमार गौंड के आराजी नंबर 645 का संशोधन आदेश हुआ था। इसके बाद विनय अमल दरामद करने के लिए काफी दिनों से लेखपाल से कह रहा था। काफी मान-मनौव्वल करने पर भी उसने नहीं सुनी। अंत में लेखपाल ने काम करने के एवज में दस हजार रुपये की डिमांड की।
विनय ने लेखपाल से कहा कि यह रकम बहुत अधिक है। बावजूद इसके लेखपाल ने एक न सुनी और विनय का काम नहीं किया। इस पर विनय ने एंटी करप्शन की टीम से संपर्क किया। टीम गुरुवार की सुबह ही जिला मुख्यालय पहुंच गई। सबकुछ रणनीति बनाकर की गई। विनय दस हजार रुपये लेकर तय स्थान जिलाधिकारी कार्यालय गेट नंबर दो के सामने विक्रम गुप्ता के चाय-समोसा की दुकान पर गया।
लेखपाल के आते ही जैसे ही विनय ने रुपये थमाया, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया। जबतक कुछ समझते टीम ने लेखपाल को उठाकर गाड़ी में बैठा लिया और शहर कोतवाली लेकर पहुंच गई।
टीम प्रभारी संध्या सिंह, निरीक्षक उपेंद्र सिंह यादव, विनोद कुमार यादव, मुख्य आरक्षी शैलेंद्र कुमार राय, सुनील कुमार यादव, पुनीत कुमार सिंह और चालक अश्वनी कुमार पांडेय रहे। निरीक्षक संध्या सिंह ने बताया कि चकबंदी के लेखपाल सूरज सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। आवश्यक कार्रवाई के बाद लेखपाल को जेल भेज दिया गया।
पीड़ित के अनुसार लेखपाल रकम कम नहीं करने पर अड़ा हुआ था। उसकी छवि ठीक न होने की वजह से शिकायत करना उचित जानकर एन्टी करप्शन टीम से शिकायत करने के बाद रंगे हाथ पकड़वाने में मदद किया।