जिपं अध्यक्ष के पति का फर्म ब्लैक लिस्टेड, पंजीकरण निरस्त
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सर्वेश कुमार मिश्र
------------------- जासं, गाजीपुर : जिला पंचायत अध्यक्ष आशा देवी के पति विजय यादव के फर्म को शासन ने ब्लैक लिस्टेड करते हुए उसका पंजीकरण निरस्त करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं खर्च हुई धनराशि की वसूली की भी संस्तुति की गई है। इस मामले में महकमे के कई अधिकारियों के सिर पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इस कार्रवाई से राजनीतिक हलकों, ठेकेदारों व फर्म संचालकों में खलबली मची हुई है।
सड़कों के निर्माण में मानक की अनदेखी की शिकायत एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने शासन से की तो बकायदा इसकी जांच हुई। जांच के बाद गाजीपुर- चोचकपुर व पारा-कासिमाबाद मार्ग मानक पर खरे नहीं उतरे। इसके बाद लोक निर्माण विभाग वाराणसी क्षेत्र के मुख्य अभियंता द्वारा दोनों मार्गों को ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया। बावजूद ठेकेदार विजय सिंह यादव द्वारा कार्य नहीं कराया गया। ऐसी स्थिति में जहां फर्म को काली सूची में डालकर पंजीकरण को निरस्त किया गया। लोक निर्माण विभाग लखनऊ के मुख्य अभियंता एसपी सक्सेना ने बीते 12 सितंबर को जारी पत्र में बताया कि मेमर्स वीएसवाई इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को गाजीपुर-चोचकपुर करीब 18 किमी से ऊपर मार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए बीते चार मार्च वर्ष 2016 को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसके बाद वाराणसी क्षेत्र के मुख्य अभियंता ने बीते 30 अप्रैल वर्ष 2016 को तकनीकी स्वीकृति दी। इसके तहत फर्म के पक्ष में 20 मई 2016 अनुबंध करने के साथ कार्य पूर्ण करने के लिए बीते 19 मई वर्ष 2017 निर्धारित की गई। साथ ही पारा-कासिमाबाद मार्ग के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए 25 मार्च 2013 पर अनुबंध करने के साथ कार्य शुरू करने व पूर्ण करने के लिए 24 मार्च 2014 की तिथि निर्धारित हुई। इसके बाद जब गाजीपुर-चोचकपुर मार्ग की बीते 12 मार्च वर्ष 2018 में प्राविधिक सम्परीक्षा कोष्ठ लखनऊ द्वारा जांच की गई तो इस्तेमाल की गई सामग्री मानक विहीन पाए गए। इसके बाद पुन: बीते 14 दिसंबर 2018 को मार्ग ठीक कराने के लिए निर्देशित किया गया, लेकिन मरम्मत नहीं कराया गया। इसी तरह बीते 13 मार्च वर्ष 2018 में पारा-कासिमबाद मार्ग की जांच में छह किमी तक मानक अपूर्ण मिले। जांच में मिली कमियों को ठेकेदार द्वारा ठीक नहीं कराया गया। अनुबंध की शर्तों के मुताबिक कार्य पूर्ण न करने पर बीते 15 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसका जवाब फर्म द्वारा बीते आठ मई को प्रस्तुत किया गया। इसके परीक्षण में अनियमितता मिलने पर फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ निरस्त कर दिया गया। साथ ही दोनों मार्गों पर खर्च हुई धनराशि के वसूली की संस्तुति भी की गई है।
--------- : मेरे द्वारा बनवाई गई सड़क पूरी तरह से मानक पर खरी है। यह कार्रवाई राजनीतिक साजिश के तहत हुई है। सबको पता है कि किसने और क्यों कराया है। आदेश की कापी देखने के बाद जवाब दूंगा। जरूरी हुआ तो न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाऊंगा।
-विजय सिंह यादव, जिपं अध्यक्ष के पति।