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विभागीय खाते से खंड शिक्षाधिकारी ने निकाले 16.5 लाख

जासं, गाजीपुर : सरकारी धन का किस तरह बंटरबांट किया जाता है यह कोई खंड शिक्षाधिकारियों से सीखे। ताजा मामला ब्लाक संसाधन केंद्र मनिहारी का है। तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी सुदामा व पूर्व बीआरसी समन्वयक राधेश्याम ¨सह यादव ने विभागीय खाते से 16.5 लाख रुपये कई किस्तों में निकाल लिया जो वित्तीय अनियमितता है। बीआरसी खाते के दोनों संयुक्त खाताधारक हैं

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 09:31 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 09:31 PM (IST)
विभागीय खाते से खंड शिक्षाधिकारी ने निकाले 16.5 लाख
विभागीय खाते से खंड शिक्षाधिकारी ने निकाले 16.5 लाख

जासं, गाजीपुर : सरकारी धन की बंटरबांट के एक से एक मामले सामने आते रहे हैं। ताजा मामला ब्लाक संसाधन केंद्र मनिहारी का है। तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी सुदामा व पूर्व बीआरसी समन्वयक राधेश्याम ¨सह यादव ने विभागीय खाते से 16.5 लाख रुपये कई किस्तों में निकाल लिए जो वित्तीय अनियमितता है। बीआरसी खाते के दोनों संयुक्त खाताधारक हैं। बीएसए श्रवण कुमार व डीएम के. बालाजी को शिकायती पत्र भेज कर उक्त आरोप लगाया है रामप्रकाश राय ने। डीएम ने इसकी जांच सीडीओ हरिकेश चौरसिया को सौंपी और उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को।

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विभागीय नियम के अनुसार 20 हजार से ऊपर व एक लाख रुपये से कम की खरीदारी के लिए कोटेशन मंगाना अनिवार्य होता है लेकिन मनिहारी के तत्कालीन खंड शिक्षाधिकारी व बीआरसी समन्वयक द्वारा इसका पालन नहीं किया गया। उन्होंने पहली बार में तीन लाख दो हजार 830, एक लाख 93 हजार 772 रुपये, दूसरी बार में एक लाख 93 हजार 772 रुपये, तीसरी बार में तीन पांच हजार 867 रुपये, चौथी बार में 70 हजार 750 रुपये, पांचवी बार में तीन लाख 42 हजार 216 रुपये, छठवीं बार में एक लाख 33 हजार 691 रुपये, सातवीं बार में एक लाख 53 हजार 340 रुपये, आठवीं बार में एक लाख 24 हजार 850 रुपये और नौंवी बार में 61 हजार रुपये निकले गए हैं। यह सभी रुपये चेक व डीडी के माध्यम से विभिन्न नाम से निकाले गए हैं। कुछ ट्रांसफर भी किए गए हैं। आरोप है कि यह रुपये स्वयं के साथ विभागीय शिक्षक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व पुस्तक विक्रेता के नाम से निकाले गए हैं।

-------------- - मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर इस मामले की जांच की जा रही है। आरोपित अधिकारी व कर्मचारी से इससे संबंधित अभिलेख मंगाया गया है। जांच कर सात नवंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। - गुलशन उवर, वित्त एवं लेखाधिकारी-बेसिक शिक्षा।


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