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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम नहीं हो रहीं दुश्वारियां

गाजीपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियां कम नहीं होरही है। गंगा में एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से घटाव जारी है। सोमवार कीे तीसरे पहर तीन बजे तक 62.0

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 09:45 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 06:25 AM (IST)
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम नहीं हो रहीं दुश्वारियां
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कम नहीं हो रहीं दुश्वारियां

जासं, गाजीपुर : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। गंगा में एक सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से घटाव जारी है। सोमवार कीे तीसरे पहर तीन बजे तक 62.080 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया। उधर सहायक नदियों का पानी संपर्क मार्गों पर आने से विभिन्न गांवों का जनसंपर्क टूट गया है जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है।

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गंगा पार क्षेत्रों मे बाढ़ का पानी भले ही उतर गया हो लेकिन पानी के कारण हुई गंदगी के चलते लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ है। क्षेत्रों में मच्छरों का प्रजनन बढ़ने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। वहीं बाढ़ का पानी गांव के विभिन्न संपर्क मार्गों पर आने से उनकी हालत काफी खराब हो गई है जिसके चलते लोगों को आवागमन करने में काफी दिक्कत हो रही है।

स्वास्थ्य केंद्र से टूटा संपर्क

मनिहारी : हंसराजपुर वाया नंदगंज मार्ग पर स्थित युसूफपुर चौरा बेसो नदी पर स्थित सेतु पुल का संपर्क मार्ग बाढ़ आने से 15 फिट लंबाई और दस फिट चौड़ाई में टूट जाने के कारण क्षेत्र के पचासों गावों का संपर्क प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं ब्लाक मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों के मांग के बाद भी विभाग द्वारा सुध नहीं लेने के बाद युवाओं ने बल्ली एवं बांस का चाचर बनाया है, जिस पर होकर लोग आवागमन कर रहे हैं।

------- बाढ़ की दुश्वारियों से नहीं मिल रहा निजात

भांवरकोल : क्षेत्र में बाढ़ का पानी तो घट रहा है लेकिन परेशानियों से निजात मिलने में अभी और समय लगेगा। गंगा व उससे निकले भागड़नालों के माध्यम से क्षेत्र में पसरा पानी तो लगभग समाप्ति की ओर है लेकिन मगई नदी के उफान से फैला हुआ पानी अपेक्षाकृत धीरे-धीरे कम हो रहा है। सियाड़ी के पास अब भी जलजमाव है। हालांकि पानी यहां भी घट रहा है। बाढ़ का पानी तो निकलेगा लेकिन उसके प्रभाव से लोगों को अभी अगले कुछ समय तक परेशानियां झेलनी पड़ेगी। सियाड़ी सरदरपुर सहित अन्य ऐसे गांव जो पानी से घिर गये थे और शासन की ओर से कोई राहत नहीं मिल सकी वहां के मजदूरों को मजदूरी पर काम न मिल पाने के कारण आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं। पानी से टूटी सड़कें अमररूपुर से सुखडेहरी कला, धनेठा से निनहुआ पांडेय का पुरा से सुखडेहरी कला, सियाड़ी महेंद मार्ग कोटवां लट्ठूडीह मार्ग से चरखा भुसहुला मार्ग, लोचाइन से दोनपाह होते इंटर कालेज मच्छटी मार्ग, महेशपुर प्रथम से पंडितपुरा अवथहीं मार्ग क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। जलजमाव वाले खेतों में बोई गई फसलें तो बर्बाद हो ही गईं। रबी की फसलों की बोवाई भी पिछड़ने की पूरी संभावना बन गई है। इस प्राकृतिक मार का असर चौतरफा पड़ रहा है।

गांव में अभी भी पानी ही पानी

शादियाबाद : स्थानीय थाना क्षेत्र के सरांयकुबरा गांव में हर तरफ अभी भी पानी पानी नजर आ रहा है। जहां पानी कम हुआ है वहां बाढ़ से बर्बाद हुई फसल दिख रही है। गांव के लोगों को आवागमन के लिए नाव का उपयोग करना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से तीन नाव लगाई गई है। पिछले 10 दिनों से बाढ़ पीड़ित गांव सरांयकुबरा अंधेरे में डूबा हुआ है। 10 दिन पहले बेसो नदी का पानी बढ़ने से सुरक्षा की ²ष्टि से प्रशासन ने सरांयकुबरा गांव की बिजली सप्लाई कट करा दी थी। अंधेरे में विषैले जीव जंतुओं का खतरा लोगों पर बना हुआ है।


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