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सिधौना में प्राचीन शिवमंदिर

गाजीपुर:सैदपुर ब्लाक के सिधौना गांव में स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव का मंदिर आस्था का केंद्र है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 10:01 PM (IST)
सिधौना में प्राचीन शिवमंदिर
सिधौना में प्राचीन शिवमंदिर

गाजीपुर:सैदपुर ब्लाक के सिधौना गांव में स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव का मंदिर आस्था का केंद्र है। सावन मास में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होती है। मंदिर की दूरी वाराणसी-गाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, सिधौना रेलवे हाल्ट व बस स्टैंड से 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। जिला मुख्यालय से मंदिर की दूरी 40 किमी है। सच्चे मन से मांगी गई मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। इतिहास- करीब 125 वर्ष पूर्व संत पवाहारी बाबा को भोर में गंगा व गोमती के संगम में नहाते समय एक शिव¨लग मिला। जिसे लेकर वह पश्चिम दिशा में चल दिए और सूर्य की किरण निकलते ही सिद्धेश्वर महादेव के नाम से सिधौना गांव में शिव¨लग स्थापित कर दिए। मंदिर में हनुमान जी की भी मूर्ति है। मंदिर के उत्तर में विवेकानंद पार्क, दक्षिण में मानस कुण्ड और पूरब में रामलीला प्रांगण सुशोभित है। मंदिर में वर्ष भर मांगलिक कार्यक्रम होते रहते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से भगवान भोले शंकर लोगों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

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तैयारी -सावन मास आते ही मंदिर की साफ-सफाई कराई जाती है। एक करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से 101 फीट ऊंचा निर्माणाधीन तीन मंजिला मंदिर दीपावली पर्व तक भव्य स्वरूप में दिखेगा। मंदिर में सत्संग हाल और पुस्तकालय भी बनाया जा रहा है। त्योहार पर पौराणिक महत्व के चलचित्रों के प्रसारण की भी व्यवस्था की गई है। मंदिर की देखरेख के लिए महंत के आवासीय कमरे के साथ कथा स्थल, पूजा कक्ष, हवनकुंड, स्टोर, शादी के लिए कक्ष, रामलीला के लिए तैयारी कक्ष के साथ प्रभात फेरी के लिए भी व्यवस्था की गई है। मंदिर के चारो कोना पर राधा कृष्ण, राम जानकी, मां दुर्गा और शिव परिवार की मूर्ति स्थापित की जाएगी।

मैं 48 वर्षों से अनवरत मंदिर की दिन रात सेवा कर रहा हूं। आज तक यहां से कोई खाली हाथ नहीं गया। सोमवार के दिन मंदिर में अधिक भीड़ होती है।

-जगदम्बा ¨सह, पुजारी।

सच्चे मन से मांगी गई मरादें अवश्य पूरी होती हैं। इस मंदिर को और भव्य बनाने का प्रयास हो रहा है। यहां पर भक्तिमय कार्यक्रम होते रहते हैं। मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धालु भजन-कीर्तन कराते हैं।

- कृष्णानंद उर्फ पप्पू, भक्त।


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