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अटकलों पर विराम, अफजाल के हाथ बसपा की कमान

गाजीपुर लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने बसपा के अफजाल अंसारी को प्रत्याशी घोषित कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। इस एलान के बाद से जिले का सियासी पारा गर्म हो गया है। पहले भाजपा ने रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा फिर कांग्रेस ने लोक

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:14 AM (IST)
अटकलों पर विराम, अफजाल के हाथ बसपा की कमान
अटकलों पर विराम, अफजाल के हाथ बसपा की कमान

जासं, गाजीपुर : गाजीपुर लोकसभा सीट से रविवार को बसपा के अफजाल अंसारी के गठबंधन का प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही सभी अटकलों पर विराम लग गया। अब तीनों प्रमुख दलों सपा-बसपा गठबंधन से अफजाल, भाजपा से मनोज सिन्हा और कांग्रेस से अजीत प्रताप कुशवाहा के मैदान में आने से जहां तस्वीर साफ हो चली है वहीं चुनावी रफ्तार ने भी गति पकड़ ली है।

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यूं तो गठबंधन में यह सीट बसपा के हवाले होने के साथ ही साफ हो गया था कि यहां से अफजाल अंसारी ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उनके नाम की घोषणा में हो रही देरी से लोग तरह-तरह के कयास भी लगा रहे थे। उधर, इन सबसे बेफिक्र अफजाल को टिकट का पूरा भरोसा था। यही कारण रहा कि वह अपने को प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत करते हुए प्रचार-प्रसार में लगे रहे। यूसुफपुर कस्बा के अफजाल अंसारी की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय डा. एमए अंसारी इंटर कालेज से हुई। इसके बाद इन्होंने सदर स्थित पीजी कालेज से इतिहास से एमए किया। इनकी चुनावी यात्रा वर्ष 1985 में शुरू हुई। इसी साल पहली बार कम्युनिट पार्टी से जीत हासिल कर विधान सभा पहुंचे। इनका यह सिलसिला फिर लगातार वर्ष 89, 91, 93 तक जारी रहा। इसके बाद इनको सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुहम्मदाबाद की चुनावी सभा में सपा की सदस्यता ग्रहण कराई। वर्ष 96 में सपा के बैनर तले मैदान मारा है, जबकि वर्ष 2002 में इनको भाजपा प्रत्याशी कृृष्णानंद राय से मात खानी पड़ी थी। इसके बाद वर्ष 2004 में इन्होंने गाजीपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी मनोज सिन्हा को दो लाख 26 हजार से अधिक वोटों के भारी अंतर से हराया था। वर्ष 2009 लोकसभा में अफजाल बसपा से लोकसभा चुनाव लड़े। हालांकि इस बार सपा प्रत्याशी राधेमोहन सिंह ने अफजाल को 69 हजार 309 वोटों से मात दी। इसके बाद वर्ष 2014 में इन्होंने अपनी किस्मत बलिया लोकसभा से कौएद प्रत्याशी के रूप में आजमाई। वहां अफजाल को तीसरे स्थान पर रहते हुए हार का मुंह देखना पड़ा था।

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पार्टी ने जो मुझ पर जो भरोसा जताया है उस पर पूरी तरह से खरा उतरने की कोशिश करूंगा। लोगों का मिल रहा समर्थन इस बात का प्रमाण है कि वह हर हाल में बदलाव चाहते हैं। जनता को समझ में आ गया है कि भाजपा ने केवल गुमराह करने का काम किया है।

-अफजाल अंसारी, बसपा प्रत्याशी।


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